UP Bypolls 2024 : उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। 2024 के उपचुनाव में दस सीटों के लिए राजनीतिक दलों ने अपनी रणनीति को धार देना शुरू कर दिया है। इन उपचुनावों में बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की भागीदारी ने सियासी पारा और भी बढ़ा दिया है, जिससे मुकाबला और अधिक रोचक हो गया है।
कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय की उपचुनाव में संभावित भागीदारी को लेकर कई दिनों से अटकलें लगाई जा रही थीं। लेकिन अब उन्होंने इन अटकलों पर विराम लगा दिया है। निजी मीडियी से बातचीत में अजय राय ने स्पष्ट किया कि वह उपचुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने इस बात को साफ कर दिया कि वे पार्टी के लिए चुनाव में पूरी जिम्मेदारी के साथ काम करेंगे, लेकिन खुद किसी सीट से चुनाव नहीं लड़ेंगे।
अजय राय ने कहा, मैं कांग्रेस द्वारा यूपी में दी गई जिम्मेदारी को ही फिलहाल देखूंगा। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस का अलायंस 2027 में बीजेपी को हराएगा। इस बयान के साथ ही अजय राय ने अपनी प्राथमिकता स्पष्ट कर दी है, जो फिलहाल पार्टी संगठन को मजबूत करने पर केंद्रित है।
कांग्रेस की डिमांड और गठबंधन की स्थिति
उपचुनाव में कांग्रेस की रणनीति भी स्पष्ट होती दिख रही है। कांग्रेस ने उपचुनाव में दस में से पांच सीटों की मांग की है। हालांकि, सूत्रों के अनुसार, सपा इस चुनाव में कांग्रेस को दो से तीन सीटें दे सकती है। इससे यह साफ हो जाता है कि सपा-कांग्रेस गठबंधन के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर अभी भी चर्चाएं जारी हैं।
एनडीए में भी सीटों का बंटवारा अभी तक नहीं हुआ है। राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) ने बीजेपी से तीन सीटों की मांग की है, जबकि उन्हें एक सीट मिलना तय माना जा रहा है। वहीं, सुभासपा प्रमुख और योगी सरकार के मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी इस चुनाव में नहीं लड़ेगी और एनडीए के प्रत्याशियों को जिताने के लिए काम करेगी।
एनडीए के दो अन्य दल, निषाद पार्टी और अपना दल (एस), ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। सूत्रों की मानें तो दस में से कम से कम आठ सीटों पर बीजेपी का चुनाव लड़ना लगभग तय है। हालांकि, अभी चुनाव का आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है। यह उम्मीद की जा रही है कि इन उपचुनावों का आयोजन पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के साथ ही किया जाएगा।