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Farrukhabad : कोर्ट ने दिया कब्र के सर्वेक्षण का आदेश, हिंदु पक्ष का दावा कब्र नहीं शिव मंदिर है

by | Feb 8, 2024 | अपना यूपी, आपका जिला, ख़बर, टॉपिक, ट्रेंडिंग, देश, बड़ी खबर, मुख्य खबरें, मुजफ्फरनगर, राजनीति

Farrukhabad : अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर के निर्माण ने वाराणसी के ज्ञानवापी और मथुरा के श्री कृष्ण जन्मभूमि स्थलों को लेकर चल रहे विवादों को जन्म दिया है। ज्ञानवापी में एएसआई सर्वे हो चुका है। इसी बीच उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद (Farrukhabad) से एक ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां राशिद खान की कब्र को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। हिंदू गुट का दावा है कि राशिद खान की कब्र मुगल आक्रमणकारियों ने एक शिव मंदिर को नष्ट करने के बाद बनाई थी।

मुस्लिम गुट का दावा हमेशा से था कब्र

दूसरी ओर, मुस्लिम गुट इस दावे को खारिज करते हुए कहता है कि यह हमेशा से एक कब्र रही है। इस मामले को लेकर हिंदू गुट ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कब्र के सर्वेक्षण की मांग की। अब इस मामले में कोर्ट ने अहम आदेश जारी करते हुए कब्र के सर्वे का आदेश दिया है। कोर्ट के आदेश के बाद राशिद खान की कब्र का सर्वे कराया गया है। विभाग अब अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपेगा।

राशिद खान के मकबरे के शिव मंदिर होने का दावा

प्राप्त जानकारी के अनुसार कायमगंज तहसील अंतर्गत मौन के रशीदाबाद में रशीद खान की सदियों पुरानी कब्र है। हिंदू गुट का दावा है कि यहां शिव मंदिर था और मंदिर को तोड़कर मजार बनाई गई थी। बता दें कि इस मकबरे के रखरखाव की जिम्मेदारी एएसआई के पास है। अब कोर्ट के आदेश के बाद इस कब्र का सर्वे कराया गया है। सर्वेक्षक अपनी रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष पेश करेंगे। इस मामले को लेकर हिंदू नेता प्रदीप सक्सेना ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

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गंगेश्वर नाथ था शिव मंदिर का नाम

प्रदीप सक्सेना का दावा है कि जहां आज राशिद खान की कब्र है, वहां पहले एक शिव मंदिर था। इस शिव मंदिर का नाम गंगेश्वर नाथ शिव मंदिर था। 1607 में, मुगलों ने इस शिव मंदिर पर हमला किया और इसे नष्ट कर दिया, इसकी जगह एक कब्र बना दी। दावा है कि प्राचीन मंदिर की मूल संरचना में कोई बदलाव नहीं किया गया है। हालाँकि, जहाँ पर शिवलिंग स्थापित था, उसे तोड़कर उसकी जगह कब्र बना दी गई और मुगलों ने मंदिर को कब्र में बदल दिया। प्रदीप सक्सेना का दावा है कि सर्वे से स्पष्ट हो जाएगा कि यह शिव मंदिर था या मजार।

हिंदू गुट द्वारा पूजा-अर्चना की मांग

प्रदीप सक्सैना हिंदू जागरण मंच से जुड़े हैं। उन्होंने इस मुद्दे को जिलाधिकारी और एएसआई के सामने भी उठाया था। इस मामले को लेकर उन्होंने पत्र भी लिखा था। उन्होंने राशिद खान की कब्र का सर्वेक्षण कराने की मांग की लेकिन, किसी भी विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गयी। बताया जा रहा है कि इसके बाद हिंदू संगठनों के सदस्यों ने फतेहगढ़ कोर्ट में मुकदमा दायर किया। इस स्थल पर पूजा की अनुमति देने और धार्मिक गतिविधियों पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाने की मांग की गई थी।

सर्वेक्षण से सच आएगा सामने

बता दें कि याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने प्रशासक से राशिद खान की कब्र का सर्वे कराने का आदेश दिया था और सर्वे की रिपोर्ट मांगी थी। कोर्ट के आदेश के बाद कब्र का सर्वे पूरा कर लिया गया है। अब रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी जाएगी। हिंदू संगठन का दावा है कि कब्र के चारों ओर हिंदू धार्मिक प्रतीक हैं। सर्वेक्षण से इस स्थल का पूरा इतिहास सामने आएगा।

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