IAS Pooja Khedkar : आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर हाल ही में विवादों में घिरी हैं। सिविल सेवा परीक्षा के दौरान उन्होंने मानसिक और दृष्टि दोष होने का दावा किया था। कम अंक आने के बावजूद उन्हें प्रशासनिक सेवा के लिए चुन लिया गया। मेडिकल जांच कराए बिना उनके इस दावे पर सवाल उठे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूजा खेडकर का 22 अप्रैल 2022 को नई दिल्ली स्थित एम्स में मेडिकल जांच होना था, लेकिन उन्होंने कोविड-19 पॉजिटिव होने का दावा किया और वे इसमें शामिल नहीं हुईं। इसके बाद 26-27 मई को भी वे परीक्षा में शामिल नहीं हुईं। 1 जुलाई को वे फिर मेडिकल जांच के लिए नहीं पहुंचीं। आखिरकार 22 अगस्त को उनकी मेडिकल जांच हुई, लेकिन यूपीएससी ने उनकी एमआरआई रिपोर्ट खारिज कर दी।
इन घटनाओं के बावजूद कानूनी चुनौतियों के बाद उनका चयन बरकरार रखा गया। आरटीआई कार्यकर्ता विजय कुंभार का आरोप है कि पूजा खेडकर के पिता दिलीप खेडकर जो कि पूर्व प्रशासनिक अधिकारी हैं और जिन्होंने हाल ही में लोकसभा चुनाव लड़ा था और 40 करोड़ रुपये की संपत्ति होने की घोषणा की थी। पूजा ने खुद ओबीसी नॉन-क्रीमी लेयर के दर्जे के लिए पात्रता का दावा किया है, जो उनके पिता की संपत्ति के कारण विवादास्पद भी रहा है।
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पूजा खेडकर, पुणे में एक प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी के रूप में तैनात हैं, उन पर सत्ता का दुरुपयोग करने का आरोप है। उन पर कई विशेषाधिकारों की मांग करने का आरोप है, जिसमें आधिकारिक वाहन, आवास, कार्यालय कक्ष और अतिरिक्त कर्मचारी शामिल हैं, जो प्रोबेशनरी अधिकारियों के लिए नहीं हैं।
पूजा पर ये भी आरोप हैं कि एडिश्नव कलेक्टर के छुट्टी पर रहने के दौरान, उन्होंने कथित तौर पर उनके चैंबर पर कब्जा कर लिया और अपनी नेमप्लेट लगा ली, जिसके कारण पुणे के एडिश्न कलेक्टर ने राज्य के मुख्य सचिव से शिकायत की, जिस वजह से फिर पूजा का पुणे से वाशिम में तबादला कर दिया गया।
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