Jhansi : उत्तर प्रदेश के झांसी मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई (NICU) में लगी भीषण आग से 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई, जबकि कई बच्चे घायल हो गए। इस त्रासदी के बाद सरकार और विपक्षी नेताओं ने अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। योगी आदित्यनाथ सरकार ने मृतकों के परिवारों को 5-5 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं और दोषियों पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। बसपा प्रमुख मायावती ने इस घटना को “अत्यंत दुखद” करार देते हुए लिखा झांसी मेडिकल कॉलेज में आग से हुई 10 नवजातों की मौत से कोहराम और आक्रोश स्वाभाविक है। ऐसी लापरवाही के लिए दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए।
सरकार पीड़ित परिवारों की हरसंभव मदद करे। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने घटना पर संवेदना व्यक्त करते हुए इसे “सरकारी और प्रशासनिक लापरवाही” करार दिया। उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि यह घटना ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर की खराब क्वालिटी या चिकित्सा प्रबंधन की विफलता का नतीजा है।
मुख्यमंत्री चुनाव प्रचार छोड़कर स्वास्थ्य और चिकित्सा व्यवस्था की बदहाली पर ध्यान दें। यह न केवल सरकारी बल्कि नैतिक जिम्मेदारी भी है। अखिलेश ने सरकार से पीड़ित परिवारों को 1-1 करोड़ रुपये का मुआवजा देने और घायलों के लिए विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग की।
अखिलेश यादव ने इस घटना की तुलना 2017 के गोरखपुर कांड से की जिसमें ऑक्सीजन की कमी के कारण बच्चों की मौत हुई थी। उन्होंने कहा कि यह घटना गोरखपुर जैसी त्रासदी की याद दिलाती है। सरकार को ऐसी घटनाओं को दोहराने से रोकने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए। इस दर्दनाक हादसे ने यूपी की स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर से आग लगने की खबर ने चिकित्सा उपकरणों की गुणवत्ता और सुरक्षा उपायों की ओर ध्यान केंद्रित किया है। विपक्षी दल इसे सरकार की लापरवाही का परिणाम बता रहे हैं, जबकि सरकार ने जांच और कार्रवाई का वादा किया है। यह घटना केवल एक प्रशासनिक विफलता नहीं, बल्कि स्वास्थ्य व्यवस्था की गंभीर खामियों की ओर इशारा करती है, जिसका समाधान तुरंत किया जाना चाहिए।