Atul Subhash Suicide Case : बेंगलुरु में 34 वर्षीय एआई इंजीनियर अतुल सुभाष मोदी की आत्महत्या ने समाज और न्याय व्यवस्था पर कई गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं। बिहार के समस्तीपुर निवासी अतुल ने विवाह में प्रताड़ना और न्याय व्यवस्था की पक्षपातपूर्ण भूमिका का जिक्र करते हुए आत्महत्या से पहले एक 1.21 घंटे का वीडियो जारी किया। उन्होंने अपनी पत्नी और ससुराल पक्ष के पांच लोगों पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया।
सामाजिक बहस का विषय बना मामला
अतुल के इस कदम ने समाज में रिश्तों और विवाह की संस्था पर एक नई बहस को जन्म दिया है। प्रसिद्ध गायिका मालिनी अवस्थी ने इस मामले पर गुस्सा व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा, रोम-रोम हिला देने वाला वीडियो है यह! #अतुलसुभाष चला गया! क्या व्यवस्था में कोई बदलाव होने की उम्मीद है? जिस समाज में विवाह सौदा बन जाए और अदालतें इस पाप का मुख्य अस्त्र बनें, वहां बदलाव की सख्त जरूरत है। मालिनी अवस्थी ने न्याय व्यवस्था और कानून में सुधार की मांग करते हुए कहा कि यह आत्महत्या नहीं, बल्कि एक बलिदान है।
अतुल ने अपने वीडियो में साफ तौर पर बताया कि कैसे उनकी पत्नी और ससुराल पक्ष ने उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। 2019 में जौनपुर की निकिता सिंघानिया से शादी के बाद से अतुल ने मानसिक तनाव और अन्याय का सामना किया। उन्होंने अपने 23 पन्नों के सुसाइड नोट में भी अपने दर्द और पीड़ा का विस्तार से वर्णन किया।
न्याय व्यवस्था पर सवाल
अतुल सुभाष (Atul Subhash Suicide Case) की मौत ने भारत की न्याय व्यवस्था में पुरुषों के अधिकारों को लेकर एक बार फिर से सवाल खड़े किए हैं। अक्सर महिलाओं के प्रति होने वाले अत्याचारों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है, लेकिन पुरुषों के मानसिक स्वास्थ्य और उनके अधिकारों को लेकर चर्चाएं कम होती हैं। अतुल ने अपने वीडियो में अपील की कि उनकी मौत के बाद उनके ससुराल पक्ष के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाए।
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