UP News : उत्तर प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार को अपने पहले दिन ही विपक्षी हंगामे की वजह से सुर्खियों में रहा। विधानसभा में समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्य, नेता प्रतिपक्ष की अगुवाई में संभल और बहराइच हिंसा जैसे विभिन्न मुद्दों को लेकर जोरदार नारेबाजी और हंगामा कर रहे थे।
सपा के विधायक चाहते थे कि इन हिंसा के मुद्दों पर चर्चा की जाए, इसके लिए उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना से विशेष अनुमति की मांग की। विपक्षी सदस्यों का कहना था कि इन हिंसक घटनाओं पर चर्चा करना बेहद जरूरी है, ताकि इन मुद्दों का सही समाधान निकाला जा सके। इस दौरान, सपा के सदस्य विधानसभा की वेल में आकर नारेबाजी करने लगे, जिससे सदन की कार्यवाही पूरी तरह से बाधित हो गई।
विधानसभा अध्यक्ष (UP News) सतीश महाना ने सदन में व्याप्त हंगामे के बीच 12:20 बजे तक के लिए सदन को स्थगित कर दिया। सदन की कार्यवाही स्थगित करने के बाद उन्होंने कहा, मैंने हमेशा इस सदन को व्यवस्थित ढंग से चलाने की कोशिश की है और तीन वर्षों में यह कभी स्थगित नहीं हुआ। लेकिन आज मुझे यह कहने का अफसोस है कि आपके पास कोई खास मुद्दा नहीं है और आप अनावश्यक मुद्दों को तूल देना चाहते हैं।
तीन वर्षों में पहली बार सदन हुआ स्थगित
सतीश महाना ने इसके साथ ही सभी दलों के नेताओं से अनुरोध किया कि वे सदन में सकारात्मक संवाद और शालीनता से बहस करें, ताकि लोकतंत्र की प्रणाली मजबूत हो सके। उन्होंने कहा कि संसदीय व्यवस्था में संवाद और सकारात्मक चर्चा के माध्यम से लोकतंत्र को मजबूती मिलती है।
विपक्षी सदस्यों (UP News) के विरोध के बीच, मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने भी पलटवार किया। उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास नारेबाजी के अलावा कुछ नहीं है। उनका आरोप था कि विपक्षी नेताओं के पास न तो कोई रचनात्मक विचार हैं, न कोई सकारात्मक कार्य, केवल हंगामा करना और शोर मचाना ही उनका काम बन गया है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार पूरी तरह से तैयार है और सदन में किसी भी मुद्दे पर जवाब देने के लिए हमेशा तत्पर है।