Mayawati News : बीजेपी के वरिष्ठ नेता और गृह मंत्री अमित शाह के बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर को लेकर हालिया बयान के बाद पूरे देश में एक राजनीतिक बवाल मच गया है। इस विवाद पर अब बसपा सुप्रीमो मायावती ने मोर्चा संभाल लिया है और अमित शाह से माफी की मांग की है। मायावती ने गुरुवार को लखनऊ में बयान देते हुए कहा कि यदि अमित शाह अपने शब्दों को वापस नहीं लेते और माफी नहीं मांगते, तो दलित समाज इसे कभी नहीं भूलेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि इस बयान से देश के दलित वर्ग में भारी गुस्सा है, जो बाबासाहेब आंबेडकर को भगवान के रूप में मानते हैं।
मायावती ने इस मुद्दे पर सख्त शब्दों में कहा कि अमित शाह को अपने कहे गए शब्दों को तुरंत वापस ले लेना चाहिए और इस पर पश्चाताप भी करना चाहिए। उनका कहना था कि अगर ऐसा नहीं हुआ, तो आंबेडकर के अनुयायी इसे कभी माफ नहीं करेंगे। उन्होंने इसे कांग्रेस के खिलाफ दलित समाज के गुस्से से जोड़ा, यह बताते हुए कि कांग्रेस के कई “पापों” को भी आंबेडकर के अनुयायी आज तक नहीं भूल पाए हैं। मायावती ने कहा कि कांग्रेस जितने भी रंग बदलने की कोशिश करे, वह फिर भी दलितों का विश्वास अर्जित नहीं कर सकेगी।
मायावती का अमित शाह के बयान पर दी चेतावनी
इसके साथ ही, मायावती ने कांग्रेस पर भी हमला बोला और कहा कि कांग्रेस ने बाबासाहेब के योगदान और उनके नाम को मिटाने की हर संभव कोशिश की थी। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि बसपा संस्थापक कांशीराम के नेतृत्व में इस कोशिश को नाकाम कर दिया गया। मायावती ने यह भी बताया कि उनकी पार्टी ने बाबासाहेब आंबेडकर के योगदान को याद रखने के लिए यूपी में कई भव्य स्मारक बनाए और उनके नाम पर जिले स्थापित किए। लेकिन समाजवादी पार्टी द्वारा इन नामों को बदलने की कोशिश की गई।
मायावती (Mayawati News) ने आगे कहा कि बसपा ने हमेशा दलित समाज के संतों और गुरुओं का सम्मान किया है और यही कारण है कि अब भाजपा और कांग्रेस दोनों को दलित वोट बैंक की चिंता सताने लगी है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा अब मजबूर होकर कुछ कदम उठा रही है, जबकि कांग्रेस अपने पुराने राजनीतिक हथकंडों का इस्तेमाल करके दलितों को लुभाने की कोशिश कर रही है।
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