UP Police : उत्तर प्रदेश पुलिस ने साइबर अपराध से निपटने और फर्जी खबरों के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने के लिए सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और कॉलेज छात्रों को “डिजिटल वॉरियर्स” के रूप में शामिल किया है। पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने बताया कि ये डिजिटल वॉरियर्स साइबर अपराध के प्रति जागरूकता फैलाने, फर्जी खबरों का खंडन करने, नागरिकों को प्रशिक्षित करने और पुलिस के अभियानों को बढ़ावा देने का काम करेंगे।
प्रशांत कुमार ने महाकुंभ मेले से पहले चलाए गए पायलट प्रोजेक्ट का हवाला दिया, जो इन्फ्लुएंसर और छात्रों के साथ सफल रहा। यह प्रोजेक्ट अब पूरे राज्य में लागू किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 2018 में शुरू की गई ‘डिजिटल वॉरियर्स’ पहल ने व्हाट्सएप पर सक्रियता दिखाई, जिसमें समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों को जोड़ा गया। 2023 में ‘व्हाट्सएप कम्युनिटी ग्रुप’ बनाए गए, जिससे फर्जी खबरों को खारिज करने और पुलिस के काम का प्रचार करने में मदद मिली।
ये भी देखें : संसद में धक्का-मुक्की पर बोलीं SP MP Dimple Yadav, BJP को दहराया जिम्मेदार
फिलहाल, करीब 10 लाख डिजिटल वालंटियर और 2 लाख पुलिसकर्मी कम्युनिटी ग्रुप से जुड़े हुए हैं। हालांकि, इंस्टाग्राम, ट्विटर, फेसबुक, और यूट्यूब जैसे अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इनकी सीमित गतिविधियों को देखते हुए युवाओं को डिजिटल योद्धा बनाने की जरूरत महसूस हुई।
डीजीपी ने कहा कि कॉलेज और विश्वविद्यालय के छात्रों को प्रशिक्षित करके उनकी आलोचनात्मक सोच को विकसित किया जाएगा। ये छात्र न केवल साइबर अपराध और फर्जी खबरों की रिपोर्ट करेंगे बल्कि अपने सामाजिक दायरे में जागरूकता भी बढ़ाएंगे। कार्यशालाओं का आयोजन स्कूलों, कॉलेजों या पुलिस लाइन में किया जाएगा।
कार्यशालाओं में साइबर अपराध विशेषज्ञ, तथ्य-जांचकर्ता, और जिला साइबर पुलिस स्टेशन के अधिकारी शामिल होंगे। स्कूलों और विश्वविद्यालयों में साइबर क्लब स्थापित किए जाएंगे, जहां नोडल अधिकारी के रूप में एक शिक्षक कार्य करेगा। इन क्लबों के माध्यम से पोस्टर-मेकिंग, स्लोगन लेखन, और सोशल मीडिया सामग्री निर्माण जैसी रचनात्मक गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।