Azamgarh : आजमगढ़ पुलिस ने 49 वर्षों से अपने परिवार से बिछड़ी एक महिला को उनके परिजनों से मिलाने का सराहनीय कार्य किया है। यह महिला, फूलमती देवी, केवल 8 वर्ष की उम्र में अपने घर से गायब हो गई थीं। गायब होने के बाद वह अपने गांव च्यूंटीडांड़, जिला आजमगढ़ का नाम और घर के सामने स्थित कुएं को याद कर सकीं। वर्तमान में वह रामपुर जिले के एक प्राथमिक विद्यालय में रसोइया के रूप में काम कर रही थीं।
फूलमती देवी ने बताया कि वह मेले में गई थीं, जहां एक बाबा ने उन्हें कुछ खाने को दिया और बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गए। इसके बाद बाबा ने उन्हें बेच दिया। जिन्होंने उन्हें खरीदा, उन्होंने उनसे शादी कर ली। लालता प्रसाद नाम के उस व्यक्ति से उनका एक बेटा हुआ। जब बेटा पांच साल का था, तब उनके पति का निधन हो गया। इसके बाद उन्होंने मजदूरी कर जीवनयापन किया।
फूलमती देवी की कहानी सुनकर उसी विद्यालय की हेडमास्टर ने मदद का वादा किया। उन्होंने अपने एक परिचित पुलिस अधिकारी, जो वर्तमान में आजमगढ़ में तैनात हैं, से संपर्क साधा। इसके बाद आजमगढ़ पुलिस ने फूलमती देवी के गांव और परिवार की खोज शुरू की। पता चला कि च्यूंटीडांड़, जिसका नाम फूलमती बार-बार ले रही थीं, अब मऊ जिले के दोहरीघाट थाना क्षेत्र में स्थित है।
लाटघाट चौकी प्रभारी जफर खान ने फूलमती देवी के परिवार का पता लगाया। जांच में पता चला कि उनके मामा रामचंदर अब भी च्यूंटीडांड़ में रहते हैं, और उनके घर के बाहर आज भी एक कुआं है। साथ ही, फूलमती का एक भाई, लालधर, आजमगढ़ के रौनापार थाना क्षेत्र के वेदपुर गांव में रहता है।
आजमगढ़ पुलिस ने फूलमती देवी को रामपुर से लाकर उनके परिवार से मिलवाया। हालांकि, उनके तीन में से केवल एक मामा, रामहित, ही जीवित मिले। इस पुनर्मिलन ने परिवार और पुलिस दोनों के लिए एक भावनात्मक और प्रेरणादायक क्षण बना दिया।