Akhilesh Yadav : समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने बुधवार को प्रयागराज में गंगा नदी से गाद निकालने के लिए की जा रही कवायद पर तीखा बयान दिया। उनका कहना था कि नदियों के प्राकृतिक बहाव से छेड़छाड़ करना पर्यावरणीय अपराध है।
उन्होंने इस कार्य को न केवल पर्यावरण के लिए हानिकारक बताया, बल्कि आरोप लगाया कि इस कवायद का असली मकसद सिर्फ भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना और ठेके देने के नाम पर अपने समर्थकों को फायदा पहुंचाना है।
अखिलेश यादव ने सीएम योगी पर लगाया आरोप
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर कहा, इतिहास गवाह है कि नदियां अपने मार्ग को स्वयं बनाकर चलती हैं। ये प्राकृतिक बहाव नदियों की निरंतरता के लिए उनका स्वनिर्मित रास्ता होता है।
नदियों के बहाव से छेड़छाड़ करना पर्यावरणीय अपराध है। उनका यह बयान प्रयागराज महाकुंभ में गंगा में ‘ड्रेजर मशीन’ लगाने के संदर्भ में था, जिसके बारे में उन्होंने आरोप लगाया कि इसका मुख्य उद्देश्य अपने समर्थकों को ठेके देना और उनके माध्यम से भ्रष्टाचार से पैसा कमाना है।
अखिलेश यादव ने आगे कहा, नदियां किस स्थान पर मिलेंगी, यह प्रकृति पर छोड़ देना चाहिए। मनमानी तरीके से नदियों के बहाव को बदलना न केवल अनुचित है, बल्कि अवांछनीय भी है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इस तरह की गतिविधियां जारी रहीं, तो गंगा के जल-जीव-जंतु और जैविक संतुलन पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा।
अखिलेश यादव पर सीएम योगी ने निशाना साधा
इस बयान के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी पलटवार किया। उन्होंने अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें राम मंदिर जाने का नैतिक अधिकार नहीं है। योगी ने आरोप लगाया कि पूर्व समाजवादी सरकारों के शासनकाल में हिंदुओं की हत्याओं पर कार्रवाई नहीं की गई और अब वही लोग राम मंदिर के दर्शन के लिए जा रहे हैं।
योगी ने संभल में हुई हिंदू हत्याओं का जिक्र करते हुए कहा, संभल में 209 हिंदुओं की हत्या हुई, लेकिन उस समय की सरकारों ने कोई कदम नहीं उठाया। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे लोग, जो राम मंदिर के लिए नहीं जा रहे, उनके कर्मों की सजा उन्हें भुगतनी पड़ेगी।
योगी ने यह भी कहा कि हिंदू धर्मस्थलों को नष्ट किया गया, और यह लोग अब शांति का पैगाम लेकर घूम रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा, पुराने जख्म का उपचार जरूरी है, अन्यथा यह कैंसर की तरह बढ़ सकता है, और कोई भी उपचार इसके प्रभाव को दूर नहीं कर सकता। सर्जरी की जरूरत है।
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