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UP News : यूपी में बिजली के निजीकरण से संविदाकर्मियों की नौकरी जाने का खतरा, संघर्ष समिति की चेतावनी

by | Feb 4, 2025 | अपना यूपी, आपका जिला, ट्रेंडिंग, बड़ी खबर, मुख्य खबरें

UP News : उत्तर प्रदेश में विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण के खिलाफ विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने एक बार फिर से जोरदार आंदोलन शुरू कर दिया है। समिति के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया है कि पावर कॉरपोरेशन निजी कंपनियों की सुविधा के लिए बड़ी संख्या में संविदा कर्मियों को नौकरी से निकालने का प्रयास कर रहा है।

संघर्ष समिति ने कहा कि राज्यभर में लगभग 20 हजार संविदा कर्मियों के लिए नौकरी का संकट खड़ा हो गया है। अब तक करीब 1200 संविदा कर्मियों को नौकरी से हटा दिया गया है। इस कदम को लेकर कर्मचारियों में गहरा आक्रोश है। समिति का कहना है कि प्रबंधन छंटनी के नाम पर भय का वातावरण बना रहा है, ताकि निजीकरण को बढ़ावा दिया जा सके।

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति (UP News) ने आरोप लगाया कि यह सब निजी घरानों की सुविधा के लिए किया जा रहा है। उनका मानना है कि अगर यही स्थिति रही, तो आने वाले समय में नियमित कर्मचारियों की नौकरी भी खतरे में पड़ सकती है।

संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने यह भी कहा कि जिन संविदा कर्मियों को हटाया गया है, उनमें से अधिकांश 55 वर्ष की आयु के नहीं हैं। इस कदम को निजी कंपनियों के हितों के अनुसार समझा जा रहा है। समिति का कहना है कि निजीकरण की प्रक्रिया को बढ़ावा देने के लिए प्रबंधन द्वारा संविदा कर्मियों को मनमाने ढंग से हटाया जा रहा है।

वहीं, बिजली विभाग के कर्मचारियों का यह विरोध अब और भी व्यापक रूप लेता जा रहा है। सोमवार को, राज्य भर के जिलों और परियोजना मुख्यालयों पर विरोध सभाएं आयोजित की गईं। यह विरोध प्रदर्शन पूरे सप्ताह जारी रहेगा। कर्मचारियों का कहना है कि उनके बीच गहरा असंतोष है और यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं।

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संघर्ष समिति (UP News) के पदाधिकारियों ने बताया कि 2019 में एक आदेश जारी किया गया था, जिसके तहत 55 वर्ष की आयु पूरी करने वाले संविदा कर्मियों को नौकरी से हटा दिया गया है। हालांकि, कई ऐसे कर्मी भी हैं जिन्होंने बहुत कम वेतन पर विभाग और उपभोक्ताओं की सेवा की है, और अब विकलांग होने के बावजूद उन्हें नौकरी से हटा दिया गया है। इस स्थिति को लेकर कर्मचारियों में भारी नाराजगी है।

उधर, बिजली कर्मचारियों के आंदोलन को अन्य विभागों के कर्मचारियों का भी समर्थन मिल रहा है। ऑल इंडिया फोरम अगेन्स्ट प्राइवेटाईजेशन के तहत रेलवे, रक्षा, डाक विभाग, शिक्षा और अन्य केंद्रीय महासंघों ने भी इस आंदोलन में खुला समर्थन दिया है।

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