UP Politics : उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता और कुंडा विधानसभा से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया एक बार फिर चर्चा में हैं। हाल ही में प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेले में राजा भैया ने अपनी पार्टी जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के विचारों और भविष्य की राजनीति को लेकर अहम बयान दिए। महाकुंभ में अपने शिविर से राजा भैया ने हिंदुत्व के विचारों को लेकर एक स्पष्ट संदेश दिया और कहा कि अब वे किसी प्रकार का समझौता नहीं करेंगे। उन्होंने अपनी पार्टी के गठबंधन के भविष्य को लेकर भी अपनी रणनीति का खुलासा किया।
राजा भैया ने महाकुंभ में कहा, हिंदुत्व के विचारों से अब कोई समझौता नहीं होगा। हम आगे केवल अपने विचारों के आधार पर गठबंधन करेंगे। इस दौरान उन्होंने काशी और मथुरा का मुद्दा भी उठाया और कहा कि यह उनका कानूनी हक है कि इन स्थानों को वे कानूनी तरीके से हासिल करें।
राजा भैया ने कहा, काशी और मथुरा कानूनी तरीके से लेना हमारा हक है…कितना अच्छा होता कि प्रयागराज का जल लेते और ज्ञानवापी में जलाभिषेक करते। इस बयान से यह साफ हो गया कि राजा भैया के लिए हिंदुत्व की विचारधारा अत्यधिक महत्वपूर्ण है और वे इसे अपने राजनीतिक एजेंडे का हिस्सा बनाए रखेंगे।
हिंदुत्व के विचारों पर दिया जोर
महाकुंभ (UP Politics) के आयोजन को लेकर राजा भैया ने कहा, मौनी अमावस्या के दिन हुई भगदड़ और उसमें हुई मौतें दुखद हैं, लेकिन अगर इसे एक अपवाद माना जाए तो यह महाकुंभ अभूतपूर्व रूप से सफल है। जिस प्रकार का आयोजन हुआ है, ऐसा आयोजन करना असंभव है। उन्होंने शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद के योगी सरकार को घेरने के बयान पर भी प्रतिक्रिया दी और कहा कि ऐसे बयानों से बचना चाहिए था।
राजा भैया का समाजवादी पार्टी से रिश्ता भी चर्चा का विषय रहा है। राजा भैया ने स्पष्ट किया कि उनका कभी समाजवादी पार्टी से कोई संबंध नहीं था और न ही उनके विचार समाजवादी हैं। उन्होंने कहा, मैं कभी समाजवादी पार्टी में नहीं रहा। ना ही समाजवादी विचारों से मेरा कोई लेना-देना है। इसके साथ ही उन्होंने 2027 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर भी अपनी योजना साझा की, हालांकि उन्होंने इस बारे में कोई बयान नहीं दिया कि वे किस पार्टी के साथ गठबंधन करेंगे। लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट किया कि हिंदुत्व के विचारों को लेकर कोई समझौता नहीं होगा।
सपा के साथ संबंध पर की खुल कर बात
राजा भैया और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के रिश्ते में खटास की शुरुआत 2019 में हुई थी। उस दौरान जब राज्यसभा चुनाव हुआ था, राजा भैया ने समाजवादी पार्टी के खिलाफ बीजेपी के उम्मीदवार को वोट दिया था, जिसके बाद उनके और अखिलेश यादव के रिश्तों में दूरियां आ गईं। हालांकि, राजा भैया ने यह माना है कि उनके मुलायम सिंह यादव से अच्छे रिश्ते थे और वह सपा सरकार में मंत्री भी रहे थे।
राजा भैया (UP Politics) ने इस दौरान अपनी पार्टी की नीति और विचारधारा के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा, यह कहां गया है कि सियासी व्यक्ति धर्मनिष्ठ नहीं होना चाहिए। हम सबसे पहले एक धर्मनिष्ठ हिंदू हैं और शुरू से हैं। इसके अलावा, उन्होंने महाकुंभ शिविर के बारे में भी जानकारी दी और कहा कि यह लक्ष्मी नारायण ट्रस्ट का पारिवारिक पुराना ट्रस्ट है। इस शिविर में आने वाले सभी श्रद्धालुओं को निशुल्क भोजन, स्नान और अन्य सेवाएं प्रदान की जाती हैं।
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