राजनीति

अपना यूपी

क्राइम

बड़ी खबर

स्पोर्ट्स

वेब स्टोरीज

खबर

Sawaan Somvar Vrat 2025: शिव कृपा चाहिए तो यूं करें सावन सोमवार का व्रत, यहां पढ़ें पूरी विधि और मंत्र

by | Jul 14, 2025 | ट्रेंडिंग, बड़ी खबर, मुख्य खबरें

आज श्रावण मास का प्रथम सोमवार है  वह पावन दिन जब आस्था की गंगा, श्रद्धा की धाराओं से शिवालयों में उमड़ती है।भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए भक्तगण व्रत रखते हैं, जलाभिषेक करते हैं और संकल्प करते हैं कि उनके जीवन में भी शिव जैसे सरलता, शक्ति और शांति का वास हो

हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। समुद्र मंथन के समय निकले हलाहल विष को जब संपूर्ण सृष्टि संकट में थी, तब भगवान शिव ने अपने कंठ में उसे धारण कर जगत की रक्षा की। यही कारण है कि इस माह में भोलेनाथ की पूजा अत्यंत फलदायी मानी जाती है।

  • कुंवारी कन्याओं को योग्य वर की प्राप्ति होती है।
  •  दांपत्य जीवन में सुख-संपन्नता आती है।
  • आर्थिक, मानसिक और पारिवारिक कष्ट दूर होते हैं।
  • मन को शांति व आत्मा को शुद्धि मिलती है।
  • श्रावण मास आरंभ: 14 जुलाई 2025 (सोमवार)
  • पहला सावन सोमवार व्रत: 14 जुलाई 2025
  • पूजन का श्रेष्ठ समय (मुहूर्त): सुबह 5:14 बजे से 8:17 बजे तक
  • जलाभिषेक का समय: प्रातः 4:57 बजे से 6:20 बजे तक (सूर्योदय के समय सबसे शुभ)
  • प्रातः ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करें।
  • स्वच्छ वस्त्र धारण करें (सफेद या गेरुए रंग के वस्त्र शुभ माने जाते हैं)।
  • शिवलिंग की पूजा के लिए स्थान को शुद्ध करें।
  • व्रत का संकल्प लें “ॐ नमः शिवाय” का जाप करते हुए।
  •  शिवलिंग पर जल, दूध, शहद, दही, गंगाजल से अभिषेक करें।
  •  बिल्वपत्र, भस्म, धतूरा, भांग, सफेद पुष्प अर्पित करें।
  •  दीपक व धूप जलाकर शिव चालीसा, रुद्राष्टक या शिव अष्टकम का पाठ करें।
  •  अंत में शिव आरती करें और प्रसाद बांटें।
  • ॐ नमः शिवाय
  • ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
  • उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥

इस मंत्र का उच्चारण करते हुए शिवलिंग पर जल अर्पित करें।

  • तांबे या पीतल के कलश में जल या गंगाजल लें।
  • शिवलिंग के समक्ष पूर्व या उत्तर की दिशा की ओर मुख करके खड़े हों।
  •  धीरे-धीरे जल अर्पित करें और मन में “ॐ नमः शिवाय” का जाप करें।
  •  जल चढ़ाने के बाद बिल्वपत्र, सफ़ेद पुष्प, संधान, धतूरा, और फल अर्पित करें।
  • सामग्री  ।  महत्व                                             
  • बिल्वपत्र :शिव को अत्यंत प्रिय, सभी दोषों का नाश करता है।    
  • दूध  : शीतलता और शुद्धता का प्रतीक।                      
  • शहद  : जीवन में मधुरता लाता है।                           
  • भस्म  :  वैराग्य और शिव तत्व का प्रतीक।                    
  • धतूरा व भांग  :  विष को नियंत्रित करने वाला, शिव को अर्पण हेतु शुभ। |
  • चंदन :  शीतलता व सौंदर्य का प्रतीक।                       
  • प्याज व लहसुन
  • अनाज (विशेषकर गेहूं, चावल) – अगर फलाहार व्रत हो
  • मांसाहार
  • नमक (यदि व्रत पूरी तरह शुद्ध हो तो सेंधा नमक चलेगा)
  • चाय-कॉफी व कोल्ड ड्रिंक
  • शराब या तम्बाकू
  • फल (केला, सेब, पपीता आदि)
  • दूध, दही, लस्सी, पनीर
  •  साबूदाना (खिचड़ी, खीर)
  •  मखाना (भुना हुआ या खीर)
  • सिंघाड़ा और कुट्टू के आटे से बने पकवान
  •  सेंधा नमक
  •  व्रत में मन, वचन और कर्म की पवित्रता जरूरी है।
  •  किसी से कटु वचन, झूठ, विवाद न करें।
  •  शिव पुराण या शिव कथा का पाठ करें या श्रवण करें।
  • बाल कटवाना, नाखून काटना, शेविंग आदि से परहेज़ करें।

 रात्रि में भगवान शिव का ध्यान करते हुए व्रत पूर्ण करें।

आरती श्री शिवजी की

जय शिव ओंकारा, हर ओंकारा।

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥

एकानन चतुरानन पंचानन राजे,

हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे…

पूरी आरती आरती पुस्तिका या मोबाइल ऐप से पढ़ सकते है

मान्यता है कि सावन में भगवान शिव कैलाश से पृथ्वी पर भक्तों के समीप आ जाते हैं। उनका यह साकार रूप शिवलिंग के रूप में प्रतिष्ठित होता है। भक्तों का समर्पण और श्रद्धा उन्हें धरती पर खींच लाती है। यही कारण है कि कांवड़ यात्रा  और सोमवार व्रत को विशेष फलदायी माना गया है।आज का यह प्रथम सावन सोमवार एक आध्यात्मिक आरंभ है  आत्मशुद्धि, संयम और ईश्वरभक्ति का मार्ग। व्रत हो या मंत्रजप, पूजा हो या अर्चना यदि श्रद्धा है, तो भोलेनाथ की कृपा निश्चित है।

हर हर महादेव

ये भी पढ़ें : Delhi Water Logging Issue: बारिश होने पर उमस से राहत, कई इलाकों में जलभराव से बिगड़े हालात, IMD ने जारी किया येलो अलर्ट

ये भी देखें : Prayagraj में पुलिस ने चन्द्रशेखर को कौशांबी जाने से रोका, तो क्या कह गए सांसद!

अपना यूपी

क्राइम

आपका जिला

वीडियो

ट्रेंडिंग

बड़ी खबर