Hardoi Child Hospital Fire: उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में स्थित कीर्ति कृष्णा चाइल्ड हॉस्पिटल में बुधवार को अचानक भीषण आग लगने से हड़कंप मच गया। यह घटना शाम करीब 4 बजे की है, जब अस्पताल के बेसमेंट में बैटरियों और इलेक्ट्रिक उपकरणों में शॉर्ट सर्किट हुआ।
देखते ही देखते धुआं पूरे अस्पताल में भर गया और पूरा परिसर एक गैस चैंबर जैसा बन गया, जिससे दो दर्जन से अधिक बच्चों और उनके परिजनों की जान खतरे में पड़ गई।
भर्ती बच्चों और परिजनों में मचा हड़कंप
आग की सूचना मिलते ही अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई। उस वक्त अस्पताल में लगभग 24 से ज्यादा बच्चे भर्ती थे, साथ ही उनके परिजन भी मौजूद थे।नीचे की मंजिलों पर मौजूद लोग किसी तरह बाहर निकलने में सफल रहे, लेकिन ऊपरी मंजिलों पर फंसे लोगों को निकालने में काफी दिक्कतें आईं। कई मरीजों को सीढ़ियों और कपड़ों से बनी रस्सियों के सहारे नीचे उतारा गया।
स्थानीय लोगों और स्टाफ ने दिखाई बहादुरी
इस आपात स्थिति में अस्पताल का स्टाफ, तीमारदार और स्थानीय लोग सभी मिलकर रेस्क्यू ऑपरेशन में जुट गए। कुछ लोगों ने चादरें और धोती जोड़कर रस्सी बनाई और बच्चों को दूसरी मंजिल से सुरक्षित नीचे उतारा। इस सामूहिक प्रयास और सूझबूझ की वजह से सभी बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
दमकल विभाग की तत्परता से टला बड़ा हादसा
आग की खबर मिलते ही दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची और समय रहते आग पर काबू पा लिया गया।
अग्निशमन अधिकारी महेश प्रताप सिंह ने बताया कि “आग सिर्फ बेसमेंट तक सीमित रही, जिससे बड़ा हादसा टल गया। सभी बच्चों को सुरक्षित निकाल लिया गया है।”
अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्थाएं बनीं सवालों के घेरे में
इस घटना ने एक बार फिर अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था और अग्निशमन उपकरणों की स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बताया जा रहा है कि आग लगने के समय अस्पताल में मौजूद फायर एक्सटिंग्विशर्स पूरी तरह से निष्क्रिय थे। यदि आग ऊपरी मंजिलों तक फैलती, तो भीषण जनहानि से इनकार नहीं किया जा सकता था।
कुछ बच्चों की हालत गंभीर, अन्य अस्पतालों में भर्ती
हालांकि समय रहते अधिकतर बच्चों को बचा लिया गया, लेकिन कुछ की स्थिति गंभीर बताई जा रही है। इन्हें तत्काल एंबुलेंस के जरिए दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट किया गया। वहीं कुछ मरीज और परिजन अस्पताल प्रशासन की लापरवाही पर गुस्सा जताते हुए बाहर इंतज़ार करते दिखे।
टला बड़ा हादसा, लेकिन चेतावनी गंभीर है
हरदोई में हुई इस आग की घटना ने एक बड़ी चेतावनी दे दी है कि अब अस्पतालों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी नहीं की जा सकती। इस बार तो वक्त पर नियंत्रण पा लिया गया, लेकिन भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए कड़े नियमों और नियमित सुरक्षा ऑडिट की ज़रूरत है।
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