Asim Munir: मई 2025 में फील्ड मार्शल बने पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर ने भारत के प्रति एक बेहद आक्रामक रुख अपनाया है, जो परमाणु हथियार संपन्न दक्षिण एशिया में तनाव को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकता है। पाकिस्तान सेना के प्रवक्ता जनरल अहमद शरीफ चौधरी के अनुसार, मुनीर ने स्पष्ट किया है कि भविष्य के सैन्य संघर्ष भारत के “पूर्व” से शुरू किए जाएंगे। यह बयान पारंपरिक कश्मीर-केंद्रित संघर्ष से एक उल्लेखनीय बदलाव का संकेत है।
इस रणनीतिक परिवर्तन के पीछे बांग्लादेश की वर्तमान राजनीतिक स्थिति भी एक प्रमुख कारण मानी जा रही है, जहां इस्लामी कट्टरपंथी ताकतों का प्रभाव बढ़ रहा है, जो पाकिस्तान के हितों के अनुकूल माना जा रहा है। भारत के पूर्वोत्तर राज्यों, जैसे असम और त्रिपुरा, की कमजोर सुरक्षा व्यवस्था और छिद्रयुक्त सीमाएं पाकिस्तान को नए मौके दे सकती हैं। ऐसी आशंका है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश में सक्रिय जेहादी नेटवर्क, स्लीपर सेल और असंगठित समूहों के ज़रिए इन क्षेत्रों में अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर सकता है।
वैचारिक टकराव और कश्मीर का इस्तेमाल
आसिम मुनीर की बयानबाजी केवल सैन्य रणनीति तक सीमित नहीं रही, बल्कि उन्होंने इसे वैचारिक संघर्ष में बदल दिया है। 16 अप्रैल को दिए गए एक भाषण में, जो पहलगाम आतंकी हमले से कुछ दिन पहले दिया गया था, उन्होंने हिंदुओं और मुसलमानों को ‘मूलतः भिन्न’ बताया और कश्मीर को “पाकिस्तान की शिरा” घोषित करते हुए संघर्ष को अस्तित्व के प्रश्न के रूप में प्रस्तुत किया।
मुनीर की यह सोच न केवल भारत में बढ़ते हिंदू राष्ट्रवाद के खिलाफ प्रतिक्रिया है, बल्कि पाकिस्तान में कट्टर राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने वाली नीति भी है। उनकी नीति पूर्ववर्ती जनरल बाजवा की कूटनीति से अलग है, जो वार्ता और संयम पर आधारित थी। इसके विपरीत, मुनीर सीधे टकराव और बहुपक्षीय हमलों की रणनीति में विश्वास रखते हैं।
घरेलू प्रभुत्व और अंतरराष्ट्रीय समर्थन
घरेलू मोर्चे पर मुनीर की सत्ता बहुत मजबूत हो चुकी है। उन्हें फील्ड मार्शल की उपाधि दी गई है, जो इससे पहले केवल सैन्य तानाशाहों को मिली थी। “आसिम लॉ” शब्द पाकिस्तान में आम हो गया है, जो यह दर्शाता है कि सत्ता पर सेना का सीधा नियंत्रण है, भले ही औपचारिक मार्शल लॉ घोषित न हो।
उनकी धार्मिक पृष्ठभूमि ,एक इमाम के बेटे और मदरसे में शिक्षा प्राप्त करना । उन्हें पाकिस्तान के रूढ़िवादी वर्गों में लोकप्रिय बनाती है। वे पश्चिम में प्रशिक्षित नहीं हुए हैं, जिससे उनकी विचारधारा परंपरावादी इस्लामी मूल्यों से अधिक जुड़ी हुई है। हालांकि, वे पाकिस्तान में जेहादियों के विरोध का दावा भी करते हैं।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मुनीर अमेरिका और चीन दोनों के साथ रिश्ते संतुलित कर रहे हैं। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से हुई मुलाकात और अमेरिकी सैन्य अधिकारियों को सम्मान देना, इस बात का संकेत है कि उन्हें कूटनीतिक समर्थन मिल रहा है। यह समर्थन भारत के खिलाफ उनके आक्रामक रुख को और अधिक आत्मविश्वास देता है।
आसिम मुनीर की नीति पाकिस्तान की पारंपरिक सैन्य रणनीति से एक स्पष्ट बदलाव है। बहु-आयामी संघर्ष, पूर्वी सीमा का दोहन, वैचारिक उग्रता और अंतरराष्ट्रीय गठजोड़ के साथ उनकी नीति भारत के लिए गंभीर सुरक्षा चुनौती प्रस्तुत करती है। यदि यह टकराव बढ़ता है, तो पूरे दक्षिण एशिया की स्थिरता खतरे में पड़ सकती है।
हमारी इंटर्न सुनिधि सिंह द्वारा लिखित
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