अंबेडकरनगर। शनिवार को उत्यतर्हफ़ प्रदेश के आंबेडकरनगर से एक दिल को दहला देने वाली घटना का CCTV फुटेज सामने आया था, जिसमें कुछ साइकिल सवार छात्र का बाइक सवार कुछ मनचलों ने दुपट्टा खींच लिया, जिससे छात्रा की साईकिल का बैलेंस बिगड़ गया और दो मोटरसाइकिलों की चपेट में आ जाने से उसकी दुखद मौत हो गई थी। घटना शुक्रवार को सामने आई जब पीड़िता स्कूल से घर लौट रही थी, तभी कुछ युवकों ने उसे रोक लिया और उसके साथ छेड़छाड़ की। यह उत्पीड़न बढ़ता गया, जिसके परिणामस्वरूप एक दुखद दुर्घटना हुई जिसने उसकी जान ले ली। इसके बाद की घटनाओं ने और भी गहरा मोड़ ले लिया जब संदिग्धों ने पुलिस से बचने का प्रयास किया, जिससे रविवार को सुबह एक घातक मुठभेड़ हुई। इस घटना में आरोपी शाहबाज़ और फैजल को पैर में गोली लगी है, जबकि घटना में तीसरे आरोपी का भागते हुए पैर फ्रैक्चर हो गया है।
अम्बेडकरनगर : पुलिस और मनचले आरोपियों के बीच मुठभेड़
मनचले आरोपियों ने छात्रा का दुपट्टा खींचा था
आरोपी शाबाज़ और फ़ैसल को मुठभेड़ में लगी गोली
मनचले आरोपियों की बसखारी पुलिस से हुई मुठभेड़
आरोपियों को मेडिकल के लिए ले जाया जा रहा है@ambedkarnagrpol @Uppolice… pic.twitter.com/dDuKluq5ED
— Dainik Hint (@dainik_hint) September 17, 2023
इस घटना में जान गंवाने वाली छात्रा का डॉक्टर बनने का सपना था। उसके दुःखी पिता सभाजीत वर्मा बताते हैं कि वह अपनी पढ़ाई में होशियार थी और अपने लक्ष्य हासिल करने के लिए खूब मेहनत करती थी। हालाँकि, उस मनहूस दिन पर, स्कूल से लौटते समय उसे तीनों युवकों ने स्कूल के बाहर से ही घेरना शुरू कर दिया था, वो लगातार छात्रा का पीछा करते रहे। उन्होंने न केवल उसके साथ मौखिक दुर्व्यवहार किया बल्कि उसका दुपट्टा भी जबरन छीन लिया, जिससे वह अपनी साइकिल पर नियंत्रण खो बैठी। दुखद रूप से, वह सड़क पर गिर गई और सामने से आ रहे एक वाहन से टकरा गई, जिससे उसकी असामयिक मृत्यु हो गई।
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छात्रा की दोस्त ने रोते हुए बताया कि तीनों आरोपी कई दिन से छात्रा पर दोस्ती करने के लिए दवाब बना रहे थे, लेकिन जब वो नहीं मानी तो वे उसका पीछा करने लगे, उस दिन भी तीनों छात्रा का सडक पर पीछा कर रहे थे, वे पहले भी इस तरह की घटना को अंजाम दे चुके हैं। जानकारी के लिए आपको बता दें कि छात्रा की मां की 8 साल पहले मौत हो चुकी है, वो अपने पिता के साथ रहती थी। पिता ने रोते हुए बताया कि वो घर का सारा काम भी देखती थी और पढाई भी करती थी, लेकिन अब ना तो पत्नी है और ना ही बेटी रही। अब उसके बुढापे में कोई उसका ध्यान रखने वाला नहीं बचा।