नई दिल्ली। कानूनी कार्यवाही के लिए एक महत्वपूर्ण दिन में सुप्रीम कोर्ट विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न महत्वपूर्ण मामलों पर विचार-विमर्श करने के लिए तैयार है। इन मामलों में कई तरह के मुद्दे शामिल हैं, जिनमें पर्यावरण-अनुकूल पटाखों की मंजूरी से लेकर उदयनिधि स्टालिन के बयानों के खिलाफ उठाई गई चिंताएं शामिल हैं, जो कथित तौर पर सनातन धर्म के सिद्धांतों के खिलाफ हैं। आइए आज की सुनवाई के लिए निर्धारित प्रमुख मामलों पर गौर करें।
हरित पटाखे और प्रदूषण नियंत्रण
सबसे महत्वपूर्ण मामला कम प्रदूषण वाले पटाखों के उत्पादन को अधिकृत करने की याचिका के इर्द-गिर्द घूमता है, जिन्हें आमतौर पर “हरित पटाखे” कहा जाता है। सुबह 10:30 बजे आने वाला यह फैसला काफी महत्वपूर्ण है। केंद्र सरकार और पटाखा निर्माताओं दोनों ने ऐसे पटाखों की मंजूरी के लिए याचिका दायर की है, साथ ही कम उत्सर्जन का फॉर्मूला भी पेश किया है। यह फैसला विशेष रूप से दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के कई शहरों के निवासियों को प्रभावित करेगा, जहां पिछले कुछ वर्षों में पटाखों की बिक्री प्रतिबंधित है।
उदयनिधि स्टालिन और ए राजा के खिलाफ आरोप
दूसरा मामला उदयनिधि स्टालिन और ए राजा के बयानों से जुड़ा है, जिन पर आरोप है कि ये सनातन धर्म के सिद्धांतों के खिलाफ हैं। याचिकाकर्ता, चेन्नई के एक वकील ने उदयनिधि और राजा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए याचिका दायर की है। इसके अतिरिक्त, याचिका में कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे भी उठाए गए हैं जिन पर आज की सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के दौरान विचार किया जाएगा।
मथुरा का श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद
यह मामला मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि की विवादित भूमि और उससे सटे ईदगाह के इर्द-गिर्द घूमता है। याचिका में ईदगाह परिसर के वैज्ञानिक सर्वेक्षण का अनुरोध किया गया है। इससे पहले, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी थी कि पहले मुस्लिम पक्ष को याचिका की स्वीकार्यता स्थापित करने का मौका दिया जाना चाहिए।
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. के खिलाफ जांच शिवकुमार
चौथा मामला कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. की आय से अधिक संपत्ति की जांच से संबंधित है। शिवकुमार. सीबीआई ने जांच पर हाई कोर्ट द्वारा दी गई अंतरिम रोक को चुनौती दी है.
ईवीएम से छेड़छाड़ का आरोप
ईवीएम से छेड़छाड़ के झूठे आरोप लगाए जाने के बाद, लोगों में खराबी की रिपोर्ट करने में अनिच्छा पैदा होने के बाद, सुप्रीम कोर्ट ऐसे मामलों में दंड के प्रावधानों की जांच करेगा।
प्रभात गुप्ता हत्याकांड (2000) और अजय मिश्रा टेनी का बरी होना
अंतिम मामले में वर्ष 2000 के प्रभात गुप्ता हत्याकांड मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को बरी करने को चुनौती देने वाली याचिका शामिल है। इस मामले की सुनवाई आज सुप्रीम कोर्ट में होगी। आज की सुनवाई में विविध प्रकार के कानूनी मुद्दे शामिल हैं, जो भारतीय कानूनी प्रणाली के दायरे की व्यापकता और गहराई को दर्शाते हैं। इन मामलों में दिए गए निर्णय निस्संदेह समाज के विभिन्न वर्गों पर दूरगामी प्रभाव डालेंगे।