PM Modi : प्रयागराज में 45 दिनों तक चले महाकुंभ का समापन हो चुका है, और यह आयोजन न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा, बल्कि इसकी सियासी चर्चा भी जबरदस्त रही। उत्तर प्रदेश की सरकार जहां इसे अपनी बड़ी उपलब्धि मान रही है, वहीं भारतीय जनता पार्टी ने इसे राजनीतिक संदेश देने का एक मंच बना लिया। इस आयोजन के समापन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ब्लॉग के जरिए अपने विचार साझा किए, जिससे इस महाकुंभ का राजनीतिक पहलू भी सामने आया।
पीएम मोदी का संदेश और सीएम योगी की सराहना
महाकुंभ के समापन के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस विशाल आयोजन की कठिनाइयों और सफलता पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने लिखा, मैं जानता हूं, इतना विशाल आयोजन आसान नहीं था। मैं मां गंगा, मां यमुना और मां सरस्वती से प्रार्थना करता हूं कि अगर हमारी आराधना में कुछ कमी रह गई हो तो क्षमा करें। इसके साथ ही उन्होंने श्रद्धालुओं से किसी भी असुविधा के लिए माफी भी मांगी।
प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की भी सराहना की। उन्होंने कहा, “यूपी का सांसद होने के नाते मैं गर्व से कह सकता हूं कि योगी जी के नेतृत्व में शासन, प्रशासन और जनता ने मिलकर इस महाकुंभ को सफल बनाया।” इसके अलावा, सफाईकर्मियों, पुलिसकर्मियों, नाविकों, वाहन चालकों और भोजन बनाने वालों को उनके समर्पण के लिए धन्यवाद दिया। यह बयान न केवल आयोजन की सफलता को मान्यता देता है, बल्कि बीजेपी के चुनावी दृष्टिकोण को भी मजबूत करता है।
महाकुंभ का यह आयोजन न केवल यूपी बल्कि पूरे देश की राजनीति के लिए अहम बना। 2024 के लोकसभा चुनावों में अपेक्षाकृत कम प्रदर्शन के बाद बीजेपी अब 2027 के विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुट गई है। इस महाकुंभ को बीजेपी ने अपने मतदाताओं को एकजुट करने और हिंदुत्व की राजनीति को फिर से धार देने के एक अवसर के रूप में लिया। इस आयोजन ने बीजेपी के लिए धार्मिक और सांस्कृतिक विश्वासों को पुनर्जीवित करने का मौका दिया, जिससे पार्टी अपनी स्थिति मजबूत कर सके।
अखिलेश यादव ने उठाए सवाल
वहीं, समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव इस आयोजन की खामियों को उजागर करने में पीछे नहीं रहे। उन्होंने महाकुंभ के दौरान मौनी अमावस्या के दिन हुई भगदड़ पर सवाल उठाया और सरकार पर निशाना साधा। उनका कहना था कि महाकुंभ के दौरान प्रशासनिक अव्यवस्थाओं की पोल खुल गई, और डबल इंजन सरकार जनता को सिर्फ भ्रम में रख रही है। उन्होंने संगम के जल की स्वच्छता को लेकर भी योगी सरकार पर हमला बोला और दिल्ली बनाम लखनऊ के मुद्दे को उठाया।
विपक्षी हमलों का जवाब
महाकुंभ के सफल समापन के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Modi) और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष के हमलों का जवाब देने की रणनीति भी तैयार कर ली। जब मौनी अमावस्या के दिन भगदड़ मची, तो महज तीन घंटे में पीएम मोदी ने चार बार सीएम योगी को फोन किया। इसी तरह, 19 जनवरी को सेक्टर 19 में भीषण आग लगने की घटना पर पीएम मोदी लगातार सीएम योगी के संपर्क में रहे। इन घटनाओं को विपक्षी हमलों को बेअसर करने के रूप में देखा जा रहा है, जहां मोदी और योगी ने त्वरित कार्रवाई से अपनी समन्वित रणनीति को साबित किया।
महाकुंभ 2025 केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं था, बल्कि यह सत्ता, प्रशासन और राजनीति का भी संगम था। जहां सरकार ने इसे ऐतिहासिक और सफल बताया, वहीं विपक्ष ने इसे सरकार की विफलताओं का प्रतीक बना दिया। इस आयोजन ने बीजेपी के हिंदुत्व पर जोर देने की राजनीति को पुनः बल दिया, जबकि विपक्ष ने इस आयोजन को प्रशासनिक लापरवाही और अव्यवस्था के रूप में चित्रित किया। अब देखना यह होगा कि क्या यह आयोजन 2027 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी के लिए एक लाभकारी कदम साबित होगा, या विपक्ष इसे एक असफलता के रूप में भुनाने में सफल रहेगा।