उत्तर प्रदेश सरकार ने बीते मंगलवार को राज्य् में प्रांतीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संवर्ग के अंतर्गत कार्यरत डॉक्टतरों की सेवानिवृत्त आयु 62 वर्ष से अधिक बढ़ा दी है. जानकारी के अनुसार, अब डॉक्टर्स की रिटायरमेंट 62 में नहीं बल्कि 65 वर्ष में होगी. आपको बता दें, रिटायरमेंट कि इस अवधि को लेकर प्रस्ताव को कुछ शर्तों एवं प्रतिबंधों के साथ मंजूरी दे दी गई है. राज्यर सरकार की ओर से जारी एक बयान में बताया गया है कि, बीते मंगलवार को लखनऊ में मुख्य मंत्री योगी आदित्यानाथ की अध्यक्षता में संपन्न हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया.
कौन-कौन 62 वर्ष की आयु में ही सेवानिवृत्त होंगे?
जानकारी के अनुसार, बीते मंगलवार को लिए गए इस फैसले के अनुसार प्रादेशिक चिकित्सा सेवा संवर्ग के level-1, level-2, level-3 तथा level-4 तक के चिकित्साधिकारियों की सेवानिवृत्त आयु 62 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष कर दी गयी है. महानिदेशक level-7, निदेशक level-6, अपर निदेशक/प्रमुख अधीक्षक/अधीक्षिका/मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी level-5 के चिकित्साधिकारी 62 वर्ष की आयु में ही अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त होंगे.
65 साल की आयु तक कार्य कर सकेंगे डॉक्टर्स
मिली जानकारी के अनुसार, संयुक्त निदेशक ग्रेड (level-4 ) के चिकित्साधिकारी तथा संयुक्त निदेशक, मुख्य चिकित्साधिकारी, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी, प्रधानाचार्य (ट्रेनिंग सेन्टर), जिला क्षय रोग अधिकारी, जिला कुष्ठ रोग अधिकारी, नगर स्वास्थ्य अधिकारी आदि प्रशासनिक पद पर सेवारत अधिकारी 62 वर्ष की आयु पूर्ण करने के बाद भी चिकित्सालयों में चिकित्सक के पद के सापेक्ष 65 वर्ष की आयु तक कार्य कर सकेंगे.
स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन कर सकते
मिली जानकारी के अनुसार, यह भी तय किया गया है कि, 62 वर्ष की आयु पूर्ण करने के उपरान्त level-1 से level-4 तक का कोई भी चिकित्सक यदि 65 वर्ष की आयु तक चिकित्सीय पद पर कार्य करने का इच्छुक नहीं है, तो उस स्थति में वह स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन कर सकता है, लेकिन यह दावा किया गया है कि, अगर प्रांतीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संवर्ग में चिकित्सकों की उपलब्धता होने से आम जनमानस को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं सुलभ होंगी.