Ayodhya Ram Mandir : माघ पूर्णिमा के स्नान के बाद प्रयागराज से करीब 15 लाख श्रद्धालु रातों-रात अयोध्या पहुंच गए। अत्यधिक भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को खुद मैदान में उतरकर स्थिति संभालनी पड़ी। अल सुबह से लेकर देर शाम तक रामजन्मभूमि और हनुमान गढ़ी में भक्तों की लंबी कतारें लगी रहीं। पूरा तीन किलोमीटर का क्षेत्र श्रद्धालुओं से भरा हुआ नजर आया। गुरुवार को छह लाख से अधिक रामभक्तों ने रामलला के दर्शन किए, जिससे एक नया रिकॉर्ड स्थापित हुआ।
लता मंगेशकर चौराहे से लेकर निकासी मार्ग तक करीब तीन किलोमीटर और भक्ति पथ पर लगभग दो किलोमीटर तक श्रद्धालुओं की भीड़ इतनी अधिक थी कि जमीन तक दिखाई नहीं दे रही थी। भक्त एक-दूसरे से सटे हुए चल रहे थे, लेकिन उनकी आस्था में कोई कमी नहीं आई। पूरा क्षेत्र “जय श्री राम” के नारों से गूंज उठा। माताएँ छोटे बच्चों को गोद में लेकर और पिता अपने नन्हे बच्चों को कंधे पर बैठाकर दर्शन के लिए आगे बढ़ते रहे। एसडीएम और मंदिर मजिस्ट्रेट अशोक सैनी के अनुसार, बुधवार को करीब पांच लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए थे, जबकि गुरुवार को यह संख्या छह लाख से अधिक हो गई, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
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रामजन्मभूमि परिसर में भीड़ नियंत्रण और आपात स्थिति से निपटने के लिए आईजी, एडीजी और सीआरपीएफ के कमांडेंट ने मोर्चा संभाल रखा था। वे लगातार बाहर की भीड़ की स्थिति का आंकलन भी करते रहे। दूसरी ओर, एसएसपी राजकरण नैय्यर रामपथ पर भीड़ को व्यवस्थित करने में लगे हुए थे। तुलसी उद्यान के पास से श्रद्धालुओं को धीरे-धीरे आगे बढ़ने दिया जा रहा था, जिससे किसी भी प्रकार की अफरातफरी की स्थिति उत्पन्न नहीं हुई। एसएसपी नैय्यर लगातार पुलिसकर्मियों से मोबाइल पर फीडबैक लेते रहे और स्थिति को नियंत्रित करते रहे।