Kanpur : अगर आप कंगारू को रियल लाइफ में देखना चाहते हैं और कानपुर में रहते हैं, तो यह अब संभव हो गया है। कानपुर जू में कंगारू प्रजाति के छोटे कंगारू (वालाबी) लाए गए हैं। जू में दो जोड़े कंगारू को शामिल किया गया है, जो गुजरात के जामनगर से लाए गए हैं। कंगारुओं के आगमन से लोगों में काफी उत्साह देखा जा रहा है।
कंगारू की खासियत और देखभाल
कंगारू अपनी अनोखी थैली (मार्सुपियम) के लिए प्रसिद्ध हैं, जो उन्हें बेहद दिलचस्प बनाती है। आमतौर पर यह प्राणी ऑस्ट्रेलिया में पाया जाता है। कानपुर जू के रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर नावेद इकराम ने बताया कि कंगारुओं को जामनगर से एक बाटर डील के तहत लाया गया है। इनके लिए जामनगर जैसा अनुकूल वातावरण तैयार किया गया है।
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उत्तर भारत का पहला जू बना कानपुर जू
कानपुर जू (Kanpur) उत्तर भारत का पहला ऐसा जू बन गया है, जहां कंगारू मौजूद हैं। यहां पर सफेद और ग्रे रंग के दो जोड़ों को रखा गया है। कंगारू शाकाहारी होते हैं और पत्ते इनका मुख्य आहार हैं। जू प्रशासन ने इनकी देखभाल के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए हैं।
कंगारुओं की दांतों की समस्या
कानपुर जू के डॉक्टर नासिर ने बताया कि कंगारुओं को दांत की बीमारी सबसे ज्यादा प्रभावित करती है, जो उनकी मौत का मुख्य कारण बन सकती है। इसलिए इनके दांतों की देखभाल पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कंगारू 240 दिनों में बच्चे पैदा करते हैं, और प्रशासन को उम्मीद है कि उनकी संख्या जल्द बढ़ेगी।