Mahakumbh 2025 : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेले का समापन 26 फरवरी को हो गया। इस बार महाकुंभ में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई। इस आयोजन ने कई रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं। वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ से मिली सीखों को भी महत्वपूर्ण बताया।
सीएम योगी ने गीता के उपदेश की दिलाई याद
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा, “श्रीमद्भागवत गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि जो मुझे जिस रूप में देखता है और भजता है, मैं उसे उसी रूप में दिखाई देता हूं।” इसी तरह प्रयागराज महाकुंभ को जिसने जिस रूप में देखा, उसे वही रूप नजर आया।
दुनिया भर के मीडिया की प्रतिक्रिया
सीएम योगी ने महाकुंभ की भव्यता को लेकर अंतरराष्ट्रीय मीडिया की रिपोर्ट्स का हवाला दिया। उन्होंने बताया कि भारतीय ही नहीं, बल्कि विश्वभर की मीडिया भी महाकुंभ के आयोजन से अचंभित थी।
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- द वॉल स्ट्रीट जर्नल – “यह आयोजन अमेरिका की कुल आबादी से भी बड़ा था।”
- बीबीसी – “महाकुंभ मानवता का सबसे विशाल समागम था।”
- एक्सप्रेस ट्रिब्यून – “यह विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन था।”
- द न्यूयॉर्क टाइम्स – “इस आयोजन में श्रद्धालुओं के साथ पर्यटक, राजनेता और अन्य प्रमुख हस्तियां भी शामिल हुईं।”
- रॉयटर्स – “यह एक डिजिटल कुंभ था, जिसमें तकनीक का बेहतरीन उपयोग किया गया।”
- द गार्जियन – “यह पर्वों का पर्व था, जिसमें श्रद्धालुओं का जोश और उमंग चरम पर था।”
- सीएनएन – “दुनिया के सबसे बड़े समागम में 60 करोड़ से अधिक लोग शामिल हुए, यह आस्था की अद्भुत अभिव्यक्ति थी।”
यूनेस्को की सराहना
महाकुंभ (Mahakumbh 2025) को लेकर यूनेस्को के डायरेक्टर टिम कर्टिस ने भी इसकी सराहना की। उन्होंने कहा, “यूनेस्को ने 2019 में कुंभ मेले को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता दी थी। 2023 से इस आयोजन के सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय प्रभावों की निगरानी की जा रही थी। कुंभ मेला विश्व को प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहर के रूप में एक नई दृष्टि प्रदान करता है।”