Mahakumbh : प्रयागराज महाकुंभ में हुई भगदड़ की घटना के बाद पुलिस प्रशासन श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर पहले से अधिक सतर्क हो गया है। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए मेला क्षेत्र की व्यवस्थाओं में बड़े बदलाव किए गए हैं। अब सभी प्रवेश मार्गों पर सिविल पुलिस के साथ पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों की भी तैनाती की जाएगी। दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, श्रद्धालुओं की आवाजाही के लिए एकल मार्ग व्यवस्था लागू की गई है। भीड़-भाड़ वाले इलाकों में बैरिकेडिंग को मजबूत किया जाएगा और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए डायवर्जन की व्यवस्था की गई है।
मौनी अमावस्या के बाद 3 फरवरी को बसंत पंचमी का तीसरा अमृत स्नान है, जिस पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। इसे देखते हुए मेला प्रशासन ने सुरक्षा को और मजबूत किया है। महाकुंभ मेले में संगम तक जाने के लिए श्रद्धालुओं के लिए काली मार्ग निर्धारित किया गया है। श्रद्धालु इसी मार्ग से प्रवेश करेंगे और स्नान के बाद त्रिवेणी मार्ग से बाहर निकलेंगे।
श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए एकल मार्ग प्रणाली लागू की गई है। पहले, श्रद्धालु बांगड़ धर्मशाला, जीटी रोड और अलोपीबाग से काली मार्ग पर भेजे जा रहे थे, लेकिन भगदड़ वाले दिन भीड़ अन्य कटों से होकर प्रवेश करने लगी, जिससे संगम नोज पर दबाव बढ़ गया और बैरिकेडिंग टूट गई। इस हादसे में 30 लोगों की जान चली गई। इसे देखते हुए अब सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा कर दिया गया है।
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बसंत पंचमी के दिन किसी भी तरह की अव्यवस्था से बचने के लिए सभी प्रवेश मार्गों पर पैरामिलिट्री फोर्स को तैनात किया गया है। काली और त्रिवेणी मार्ग को सुरक्षित करने के साथ-साथ संगम क्षेत्र में बैरिकेडिंग लगाकर रास्तों को एकमार्गी किया जा रहा है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए झूंसी, फाफामऊ और नैनी के स्नान घाटों पर भी सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं।
मेला क्षेत्र में सुरक्षित यातायात के लिए सिविल और टैरिफ पुलिस के अतिरिक्त जवानों को तैनात किया जा रहा है। खासकर उन मार्गों पर ध्यान दिया जा रहा है, जहां श्रद्धालुओं को अपने गंतव्य तक पहुंचने में कठिनाई हो सकती है। श्रद्धालुओं को मार्गदर्शन देने के लिए विभिन्न स्थानों पर आवश्यक सूचना प्रदान की जाएगी। सभी प्रमुख रास्तों और चौराहों पर पुलिस मौजूद रहेगी, जहां अनुभवी जवानों को ट्रैफिक संभालने की जिम्मेदारी दी गई है।