UP Bypolls : उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव के बीच सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने प्रशासन और बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। धर्मेंद्र यादव ने कहा कि प्रशासन कितना भी बीजेपी का साथ दे समाजवादी पार्टी की नींव नहीं हिला सकता।
उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह मतदाताओं को वोट डालने से रोक रही है लेकिन जनता पुलिस-प्रशासन के रवैये के बावजूद सपा के पक्ष में उत्साह के साथ वोट कर रही है।
जनता चुनाव जिताती है प्रशासन नहीं
सपा सांसद ने मैनपुरी के हालात पर बोलते हुए कहा कि यहां के लोग इन परिस्थितियों से नए नहीं हैं। बीजेपी की ‘कमरिया घोसी’ नीति यहां नहीं चलेगी। उन्होंने कहा कि बीजेपी प्रत्याशी अनुजेश यादव की मां ने 1996 के बाद कोई महत्वपूर्ण चुनाव (UP Bypolls) नहीं जीता है और उनकी लोकप्रियता अब समाप्त हो चुकी है।
धर्मेंद्र यादव ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन बीजेपी का एजेंडा चला रहा है। उन्होंने कहा कि जो राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि जिलाधिकारी ने बीजेपी से चुनाव का टेंडर ले रखा है वह सत्य प्रतीत होता है। लेकिन ये भूल जाते हैं कि चुनाव जनता जिताती है प्रशासन नहीं।
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सीएम का बयान दुर्भाग्यपूर्ण
धर्मेंद्र यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बंटेंगे तो कटेंगे बयान की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि एक जिम्मेदार व्यक्ति जो उत्तर प्रदेश जैसे राज्य का मुख्यमंत्री है ऐसी आपत्तिजनक बातें करता है। यह उत्तर प्रदेश का दुर्भाग्य है।
सपा की जीत का दावा और चुनाव आयोग पर सवाल
सपा सांसद ने कहा कि चुनाव परिणाम पूरी तरह से सपा के पक्ष में हैं। उन्होंने चुनाव आयोग से अपील की कि वह बीजेपी का समर्थन करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई करे। धर्मेंद्र यादव ने कहा कि अगर चुनाव आयोग ने संज्ञान नहीं लिया तो जनता का विश्वास डगमगा सकता है। उन्होंने मतदाताओं (UP Bypolls) से अपील करते हुए कहा कि अगर पहली बार असफल हों तो दोबारा कोशिश करें। जब तक वोट न डाल लें हिम्मत न हारें।
करहल सीट बनी मुकाबले का केंद्र
मैनपुरी की करहल सीट इस बार मुलायम परिवार के लिए खास बन गई है। यह सीट सपा का गढ़ मानी जाती है, जहां 2022 में अखिलेश यादव ने केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल को हराया था। इस बार बीजेपी ने मुलायम सिंह यादव के दामाद अनुजेश यादव को टिकट दिया है जबकि सपा ने तेज प्रताप यादव को मैदान में उतारा है। यह मुकाबला न केवल सपा और बीजेपी के बीच है बल्कि यादव परिवार के अंदरूनी समीकरणों को भी प्रदर्शित करता है जिससे यह चुनाव और रोचक हो गया है।