UP Infrastructure : उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश में रोड नेटवर्क को तेजी से बढ़ाने की योजना बना रही है। लोक निर्माण विभाग ने 3946 करोड़ रुपये की लागत से सड़कें और पुलों का निर्माण करने का निर्णय लिया है। इसके लिए विधायकों, विधान परिषद सदस्यों, जिलाधिकारियों और पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों से प्रस्ताव मांगे गए हैं। प्राप्त प्रस्तावों में प्राथमिकता के आधार पर जरूरी कार्यों को अंजाम दिया जाएगा।
पीडब्ल्यूडी के प्रमुख सचिव अजय चौहान के अनुसार, इस साल सड़कों और पुलों के निर्माण के लिए कई नए परियोजनाओं की योजना बनाई गई है और विभागीय अधिकारियों को प्राथमिकता तय करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त नाबार्ड से ग्रामीण सड़कों और पुल-पुलियों के लिए 1550 करोड़ रुपये मिलेंगे। इसमें से 600 करोड़ रुपये सड़कों और 950 करोड़ रुपये पुलों के लिए आवंटित किए गए हैं।
नाबार्ड से प्राप्त धनराशि से होने वाले सभी कार्य जनप्रतिनिधियों के प्रस्तावों के आधार पर किए जाएंगे। बजट के मुकाबले तीन गुना अधिक प्रस्ताव विभाग ने जनप्रतिनिधियों से मांगे हैं। कामों की प्राथमिकता शासन और सरकार के स्तर पर तय की जाएगी। लखनऊ में राज्य सरकार प्रदेश वस्त्रत्त् निगम की खाली पड़ी मिलों की जमीनों पर नए उद्योग लगाने की योजना बना रही है।
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प्रदेश के कानपुर, सहारनपुर, लखनऊ, हाथरस, प्रयागराज, बांदा, बलिया और जौनपुर में स्थित मिलों में से कुछ बंद हो चुकी हैं और कुछ की जमीनें खाली पड़ी हैं। पहले चरण में लगभग 2000 एकड़ जमीन चिह्नित की गई है, जिसे निवेशकों को दिया जाएगा। इससे नए उद्योग स्थापित होंगे और युवाओं को रोजगार मिलेगा। इस प्रस्ताव को कैबिनेट से पास कराने की तैयारी चल रही है।
हाल ही में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डॉलर बनाने के लिए बैठक हुई, जिसमें उत्तर प्रदेश राज्य वस्त्रत्त् उद्योग निगम के पास मौजूद लगभग 2000 एकड़ जमीन का सदुपयोग करने का निर्णय लिया गया। औद्योगिक क्षेत्रों की सड़कों के लिए 268 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
राज्य योजना के तहत प्रमुख जिला मार्ग अन्य जिला मार्ग और अन्य मार्गों के लिए 888 करोड़ रुपये तथा स्टेट हाइवे के लिए 723 करोड़ रुपये का काम किया जाएगा। संपर्क मार्गों से अनजुड़ी बसावटों को जोड़ने के लिए 150 करोड़ रुपये और सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए 67 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। पीडब्ल्यूडी के विभागाध्यक्ष योगेश पवार के अनुसार, इस बार बड़ी संख्या में प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।
वित्तीय आवंटन की संरचना:
- 600 करोड़ रुपये नाबार्ड से सड़कों के लिए
- 950 करोड़ रुपये नाबार्ड से पुल-पुलियों के लिए
- 300 करोड़ रुपये पं. दीनदयाल योजना से
- 268 करोड़ रुपये औद्योगिक क्षेत्रों की सड़कों के लिए
- 888 करोड़ रुपये राज्य योजना से एमडीआर, ओडीआर के लिए
- 723 करोड़ रुपये स्टेट हाईवे के लिए
- 150 करोड़ रुपये अनजुड़ी बसावटों से संपर्क मार्ग के लिए
- 67 करोड़ रुपये रोड सेफ्टी के लिए