UP News : उत्तर प्रदेश पुलिस ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के पूर्व विधायक हाजी शाहनवाज राणा को 2011 के बिजली चोरी के एक पुराने मामले में उत्तराखंड के मंगलौर से गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद गुरुवार शाम को उन्हें मुजफ्फरनगर (UP News) कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उनकी जमानत मंजूर करते हुए 6 दिसंबर को अगली सुनवाई के लिए उपस्थित होने का आदेश दिया।
NBW जारी होने का कारण
जानकारी के अनुसार, मुजफ्फरनगर की अपर न्यायाधीश (चतुर्थ) ने शाहनवाज राणा को अदालत में पेश न होने पर गैर-जमानती वारंट (NBW) जारी किया था। बिजली चोरी का यह मामला उनके मंसूरपुर स्थित स्टील फैक्ट्री से जुड़ा हुआ है। पुलिस ने NBW के आधार पर कार्रवाई करते हुए उन्हें मंगलौर थाना क्षेत्र की एक फैक्ट्री से गिरफ्तार किया।
पूर्व विधायक का पक्ष
कोर्ट से जमानत मिलने के बाद शाहनवाज राणा ने कहा कि यह मामला बहुत पुराना है और उन्हें जानकारी नहीं थी कि कोई वारंट जारी हुआ है। उन्होंने बताया कि जिस फैक्ट्री पर बिजली चोरी का आरोप था, उस मामले में कोर्ट ने पहले ही बिजली चोरी की बात को खारिज कर दिया था। उन्हें लगा कि मामला खत्म हो गया है, लेकिन चार्जशीट पेश होने की सूचना उन्हें नहीं दी गई थी।
अधिवक्ता का बयान
हाजी शाहनवाज राणा के वकील आफताब केसर ने बताया कि 2011 में मंसूरपुर क्षेत्र में स्थित कई फैक्ट्रियों पर बिजली चोरी के आरोप में मुकदमे दर्ज किए गए थे। राणा की फैक्ट्री का बिजली मीटर क्षेत्र के विद्युत उपकेंद्र पर स्थापित था, इसलिए बिजली चोरी का सवाल ही नहीं उठता। हालांकि, पुलिस ने जांच के बाद चुपचाप चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी, जिससे पूर्व विधायक को वारंट जारी होने की जानकारी नहीं मिली।
आगामी सुनवाई और जमानत
कोर्ट ने पूर्व विधायक को नियमित जमानत देते हुए 6 दिसंबर को अगली सुनवाई के लिए उपस्थित होने का निर्देश दिया है। अधिवक्ता के अनुसार, बिजली चोरी के इस मामले में अधिकतम सजा तीन साल है। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि बिजली के बकाया बिल का भुगतान पहले ही कर दिया गया है।