BSP Protest In UP : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के द्वारा संसद में डॉ. भीमराव अंबेडकर पर की गई विवादास्पद टिप्पणी के बाद देशभर में विरोध की लहर दौड़ पड़ी है। इस बयान को लेकर राजनीतिक हलकों में गर्मा-गर्मी है और यह मुद्दा संसद परिसर में भी हंगामे का कारण बना। अब यह विवाद सड़क तक पहुंच चुका है, और बीएसपी तथा कांग्रेस जैसी प्रमुख विपक्षी पार्टियों ने विरोध प्रदर्शन की तैयारियां शुरू कर दी हैं।
बीएसपी का विरोध प्रदर्शन
बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के कार्यकर्ताओं ने मायावती के आह्वान पर उत्तर प्रदेश में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। बीएसपी ने लखनऊ में अपने कार्यकर्ताओं को सड़कों पर उतारा, जहां उन्होंने प्रदर्शन की शुरुआत दफ्तर से की और फिर हजरतगंज तक पैदल मार्च किया। इस प्रदर्शन का उद्देश्य केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान के खिलाफ अपनी आवाज उठाना था।
बीएसपी ने दिल्ली में भी प्रदर्शन की योजना बनाई है, और पार्टी सुप्रीमो मायावती ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए केंद्रीय गृह मंत्री से अपनी टिप्पणी को वापस लेने की मांग की है। उन्होंने कहा, “केंद्रीय गृह मंत्री से संसद में बाबा साहेब विरोधी टिप्पणी को वापस लेने की मांग को लेकर बीएसपी द्वारा देशभर के जिला मुख्यालयों पर शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन को सफल बनाने की सर्वसमाज से अपील।”
कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन
कांग्रेस पार्टी ने भी इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाया है और देशभर में विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी डॉ. अंबेडकर के सम्मान में “डॉ. आंबेडकर सम्मान सप्ताह” मनाएगी और इस दौरान जिला कांग्रेस कमेटियां जिला स्तरीय मार्च निकालेंगी।
इन मार्चों में डॉ. अंबेडकर की तस्वीरें और गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग वाली तख्तियां होंगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता यह ज्ञापन संबंधित जिला कलेक्टरों के माध्यम से भारत के राष्ट्रपति को सौंपेंगे। वे किसी भी स्थिति में बाबा साहेब अंबेडकर का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे।
कांग्रेस ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस की संख्या बढ़ाने की योजना
कांग्रेस (BSP Protest In UP) के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने बताया कि पार्टी कार्यसमिति की बैठक में दो प्रस्ताव पारित किए जाएंगे, जिसमें आगामी एक साल के रोडमैप पर चर्चा होगी। इसके अलावा, अंबेडकर के अपमान के विरोध में 100 से ज्यादा प्रेस कॉन्फ्रेंस की जा चुकी हैं। अब कांग्रेस ने यह ऐलान किया है कि पूरे देश में आज विरोध प्रदर्शन होंगे और इस मुद्दे पर राष्ट्रपति के लिए मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपे जाएंगे।
इस विवाद ने देश में अंबेडकर के योगदान और उनके सम्मान को लेकर एक नई बहस को जन्म दिया है। अंबेडकर, जो भारतीय संविधान के मुख्य वास्तुकार थे, समाज के हाशिए पर रहे वर्गों के अधिकारों के प्रबल पैरोकार रहे हैं। उनके योगदान को लेकर किसी भी प्रकार का अपमान राजनीतिक दलों और उनके समर्थकों के लिए बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। इस मुद्दे पर बीएसपी और कांग्रेस की आवाज तेज हो रही है, और राजनीतिक गलियारों में इसकी गूंज बनी हुई है।
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