Ghaziabad: गाजियाबाद नगर निगम द्वारा शहर में आयोजित महर्षि वाल्मीकि जयंती महोत्सव के अंतर्गत वृहद स्तर पर व्यवस्थाओं को संभाला गया, कई स्थानों पर महर्षि वाल्मीकि जयंती के उपलक्ष में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए इसी क्रम में नवयुग मार्केट स्थित पार्क में गाजियाबाद नगर निगम द्वारा महर्षि वाल्मीकि जयंती मनाई गई जिसमें महापौर सुनीता दयाल मुख्य रूप से एवं गाजियाबाद नगर निगम कर्मचारी संघ, नगर निगम अधिकारी उपस्थित हुए।
महापौर सुनीता दयाल ने सर्वप्रथम महर्षि वाल्मीकि जी के प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर माल्यार्पण किया और बाल्मीकि जी के चरित्र पर प्रकाश डाला ओर बताया कि रामायण के रचयता महर्षि वाल्मीकि जी थे,आज घर घर मे रामायण पढ़ी जाती है यह महर्षि जी की ही देन है श्री राम जी के दोनों पुत्र लव कुश की शिक्षा महर्षि जी द्वारा ही सम्पन्न कराई गई। महापौर ने बताया कि बाल्मीकि समाज शहर की सफाई में सबसे अधिक योगदान है हम आज स्वस्थ है केवल इस समाज के कारण, ये समाज पूजनीय है, यहाँ तक कि शहर को स्वच्छ सुंदरता के पुरुस्कार दिलाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका है समाज की।
महर्षि वाल्मीकि जी एवं बाल्मीकि समाज को हाथ जोड़कर नमन करती हूँ और शुभकामनाएं देती हूँ उसके उपरांत महापौर ने इस शुभ अवसर पर बाल्मीकि समाज की महिला सफाई कर्मियों का भी माल्यार्पण कर सम्मानित किया। और साथ ही जयंती पर आयोजित भंडारे का प्रसाद वितरण किया।
गाजियाबाद नगर निगम द्वारा आयोजित कार्यक्रम में महापौर सुनीता दयाल द्वारा भव्य आयोजन की प्रशंसा की गई साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम कर रहे कलाकारों कभी मनोबल बढ़ाया, अपर नगर आयुक्त अरुण कुमार यादव के नेतृत्व में कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ अन्य कई स्थानों पर भी आयोजित कार्यक्रम भी भव्य रूप से आयोजित हुए सभी ने मिलकर महर्षि वाल्मीकि जी को माला व पुष्प अर्पित करते हुए नमन कियाl
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नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक के आदेश अनुसार नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर मिथिलेश, उद्यान प्रभारी डॉक्टर अनुज द्वारा मुख्य रूप से शहर में आयोजित कार्यक्रमों में व्यवस्था संभाली,पार्कों की सफाई व्यवस्था तथा मुख्य मार्ग की सफाई व्यवस्था पर विशेष जोर दिया गया, कई वार्डों में माननीय पार्षदों द्वारा भी अपने-अपने क्षेत्रवासियों के साथ मिलकर महर्षि वाल्मीकि जयंती का उत्सव मनाते हुए उनको याद किया गय, इस अवसर पर कई स्थानों पर निगम अधिकारियों तथा जनप्रतिनिधियों ने रामायण पाठ तथा हवन भी कियाl