Delhi CM Rekha Gupta : 20 फरवरी 2025 को दिल्ली में एक ऐतिहासिक पल देखने को मिला, जब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 27 सालों के बाद राज्य में सत्ता में वापसी की। दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणामों के बाद नई सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू हुई, और आज इस समारोह ने दिल्ली के राजनीतिक इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा। रेखा गुप्ता ने दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली और इसके साथ ही वह दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री बन गईं।
रेखा गुप्ता का ऐतिहासिक शपथ ग्रहण
रेखा गुप्ता, जो शालीमार बाग से विधायक हैं, ने दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय कैबिनेट सदस्य, बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम, सांसद और एनडीए के घटक दलों के नेता मौजूद थे। इस अवसर पर 50 हजार से अधिक नेता, कार्यकर्ता और समर्थक भी उपस्थित थे। रेखा गुप्ता की शपथ के साथ ही दिल्ली में बीजेपी के शासन की नई शुरुआत हो गई।
मंत्रीमंडल का गठन
रेखा गुप्ता के बाद, दिल्ली के नए मंत्रिमंडल के अन्य सदस्य भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। एलजी विनय कुमार सक्सेना ने मंत्री पद की शपथ दिलाई। इस अवसर पर प्रवेश वर्मा, आशीष सूद, मनजिंदर सिंह सिरसा, रविंदर सिंह इंद्राज, कपिल मिश्रा और पंकज सिंह ने भी मंत्री पद की शपथ ली। बीजेपी ने अपने मंत्रिमंडल में जातियों और समुदायों को ध्यान में रखते हुए प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया है। जाट, पंजाबी और पूर्वांचल समुदायों के नेताओं को जगह दी गई है, जो पार्टी की रणनीति का अहम हिस्सा है।
रेखा गुप्ता का राजनीतिक सफर
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) की पूर्व अध्यक्ष रेखा गुप्ता ने पहली बार विधायक पद के लिए चुनाव लड़ा और शालीमार बाग से बड़ी जीत हासिल की। उनकी यह जीत दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) की तीन बार की विधायक बंदना कुमारी को हराने के बाद आई। रेखा गुप्ता बीजेपी की एक मुखर नेता हैं और वर्तमान में वह पार्टी की प्रमुख शख्सियत मानी जाती हैं। उनके समसामयिक मुद्दों पर बेबाक राय रखने के लिए उनकी पहचान बन चुकी है।
इसके अतिरिक्त, रेखा गुप्ता (Delhi CM Rekha Gupta) दिल्ली की दो बार पार्षद और मेयर भी रह चुकी हैं। उनके अच्छे संबंध आरएसएस से भी हैं, जो उनकी राजनीति को और मजबूती प्रदान करते हैं। उनके लिए यह शपथ ग्रहण समारोह व्यक्तिगत और राजनीतिक दोनों ही दृष्टिकोण से एक ऐतिहासिक अवसर था, क्योंकि वह बीजेपी की चौथी महिला मुख्यमंत्री बन चुकी हैं। इससे पहले शीला दीक्षित, सुषमा स्वराज और आतिशी दिल्ली की महिला मुख्यमंत्री रह चुकी हैं।
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