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Ghaziabad News: आखिर कब से चल रहा था गाजियाबाद में नकली ‘एम्बेसी’ का फर्जीवाड़ा? जानिए STF ने कैसे किया पर्दाफाश

by | Jul 24, 2025 | ट्रेंडिंग, देश, बड़ी खबर, मुख्य खबरें

Ghaziabad News: उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने 22 जुलाई 2025 को गाजियाबाद के कवि नगर इलाके में हर्षवर्धन जैन के भव्य बंगले पर छापा मारा और उसे गिरफ्तार कर लिया। आपको बता दें कि पुलिस को इस फर्जी दूतावास के बारे में तब शक हुआ जब स्थानीय लोगों ने राजनयिक नंबर प्लेट वाली लग्जरी गाड़ियां और दूतावास जैसा परिसर देखा। जांच में सामने आया कि जैन वर्षों से नकली विदेशी देशों के नाम से दूतावास चला रहा था और लोगों को नौकरी, विदेशी वीजा, परियोजना और अन्य सेवाओं के नाम पर ठगी कर रहा था।

पुलिस ने जैन के घर से ₹44.7 लाख नकद के साथ विदेशी मुद्रा, 18 नकली डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट, 12 फर्जी पासपोर्ट, 34 देशों के rubber stamps, MEA (विदेश मंत्रालय) के नकली दस्तावेज, फर्जी प्रेस कार्ड, और लग्जरी कारें बरामद कीं। इसके अलावा लैपटॉप, मोबाइल और शेल कंपनी से जुड़े दस्तावेज भी मिले, जो हवाला नेटवर्क और काले धन के लेन-देन की जानकारी देते थे। यह साफ था कि जैन के पास भ्रामक पहचान बनाने और लोगों को प्रभावित करने के लिए भारी संसाधन थे।

हर्षवर्धन जैन ने स्वयं को “His Excellency” का दर्जा देते हुए Westarctica, Seborga, Poulvia, Lodonia जैसे अवैध माइक्रोनैशनों का राजदूत बताया। उसने गाजियाबाद के बंगले को एक अंतरराष्ट्रीय दूतावास का रूप दे दिया था। सोशल मीडिया पर मोदी, एपीजे अब्दुल कलाम जैसे बड़े नेताओं के साथ मोर्फ़ की गई तस्वीरें शेयर करके सबका विश्वास हासिल किया। इसके साथ ही जैन ने shell companies और हवाला नेटवर्क का इस्तेमाल कर लाखों रुपये की ठगी की।

बता दें कि हर्षवर्धन का परिवार राजस्थान में खनन व्यवसाय करता था, लेकिन पिता की मृत्यु के बाद आर्थिक संकट आया। 2000 के बाद वह विवादित व्यक्तित्व चंद्रास्वामी के संपर्क में आया, जिसके बाद वह अवैध arms-dealing और शेल कंपनी घोटालों में उलझ गया। 2011 में अवैध सेटेलाइट फोन मामले में गिरफ्तार भी हुआ था। 2016 में Westarctica नामक अवैध माइक्रोनैशन का “ऑनररी एम्बेसडर” बना, जिसके बाद फर्जी राजनयिक पदवी के जरिए ठगी शुरू हुई।

इस घोटाले की गंभीरता और पैमाने को देखते हुए पुलिस ने सालों की जांच के बाद इस फर्जी दूतावास को ध्वस्त किया। मीडिया रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पर वायरल हुई फर्जी राजदूत की तस्वीरें लोगों में इस धोखे के प्रति जागरूकता बढ़ाने में मददगार साबित हुईं। हर्षवर्धन जैन की गिरफ्तारी से यह बात साबित हुई कि आधुनिक तकनीक और छलावे का सहारा लेकर कैसे कोई व्यक्ति अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धोखाधड़ी कर सकता है।

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