Kanpur News : उत्तर प्रदेश के हेल्थ डिपार्टमेंट के डिप्टी डायरेक्टर आदित्य वर्धन सिंह की गंगा में डूबने से मौत हो गई थी, जिनका शव सोमवार की सुबह 9 दिनों की खोजबीन के बाद गंगा बैराज से बरामद किया गया। आदित्य सिंह 9 दिन पहले अपने दोस्तों के साथ गंगा में स्नान करने गए थे, जहां वे अचानक डूब गए थे।
घटना का विवरण
डिप्टी डायरेक्टर आदित्य वर्धन सिंह अपने दोस्तों के साथ गंगा में नहाने गए थे, जहां नहाते समय फोटो खींचने की कोशिश में उनका संतुलन बिगड़ गया और वे गहरे पानी में डूबने लगे। उनके दोस्तों ने तुरंत मौके पर मौजूद गोताखोरों से मदद की गुहार लगाई, लेकिन गोताखोरों ने पहले 10,000 रुपये की मांग की। दोस्तों के पास इतने पैसे नहीं होने के कारण, गोताखोरों ने पास की एक दुकान पर पैसे ट्रांसफर करने का सुझाव दिया। जब तक पैसे ट्रांसफर किए गए, तब तक आदित्य सिंह गंगा में डूब चुके थे।
शव की तलाश और बरामदगी
घटना के बाद से ही आदित्य सिंह के शव की तलाश की जा रही थी, लेकिन शुरुआती कई दिनों तक कोई सफलता नहीं मिली। अधिकारियों और परिवारवालों ने भी धीरे-धीरे उम्मीद छोड़ दी थी। हालांकि, सोमवार की सुबह गोताखोरों की टीम ने गंगा बैराज से उनका शव बरामद कर लिया। शव को पोस्टमार्टम के लिए नवाबगंज थाने भेजा गया, और पोस्टमार्टम के बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए उनके गांव लाया जाएगा।
परिवार की प्रतिक्रिया
आदित्य वर्धन सिंह की पत्नी शैलजा मिश्रा महाराष्ट्र में जज हैं, जबकि उनके चचेरे भाई अनुपम सिंह बिहार के सीनियर आईएएस अधिकारी हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सचिव के रूप में कार्यरत हैं। घटना की सूचना मिलते ही आदित्य सिंह का परिवार और रिश्तेदार कानपुर पहुंच गए।
समाज में आक्रोश
इस दुखद घटना के बाद गोताखोरों की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं, जिन्होंने तात्कालिक मदद न देकर पहले पैसों की मांग की थी। इस व्यवहार को लेकर स्थानीय लोग और अधिकारियों में आक्रोश है, और इस मामले की जांच की मांग की जा रही है।
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