Mahakumbh 2025 : प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हो रहे ऐतिहासिक महाकुंभ की गूंज अब न केवल देश बल्कि सात समंदर पार भी सुनाई देने लगी है। इस बार महाकुंभ के आयोजन की विशेषता यह है कि इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रचारित किया जा रहा है। प्रयागराज की अनामिका शर्मा ने इस ऐतिहासिक आयोजन का निमंत्रण आसमान से दिया है, जो एक अनोखा और अभूतपूर्व कदम था।
अनामिका शर्मा, जो मूल रूप से प्रयागराज की निवासी हैं, ने बैंकॉक के आसमान में एक विशेष झंडा लहराते हुए पूरी दुनिया को महाकुंभ में आने का निमंत्रण दिया। इस झंडे पर ‘दिव्य कुंभ-भव्य कुंभ’ लिखा हुआ था। अनामिका ने यह संदेश 13,000 फीट की ऊंचाई से दिया, जब उन्होंने प्लेन से छलांग लगाई। यह उनकी स्काईडाइविंग की एक और साहसिक प्रस्तुति थी, जिसने न केवल महाकुंभ का प्रचार किया बल्कि भारतीय परंपरा और संस्कृति को भी पूरी दुनिया में फैलाया।
इसके पहले, अनामिका ने रामलला के भव्य मंदिर निर्माण के दौरान अयोध्या में भी ‘राम नाम’ के ध्वज को आसमान में लहराकर महाकुंभ की तरह ही एक धार्मिक आयोजन को सार्वजनिक किया था। महाकुंभ 2025 के लिए उनकी इस अनूठी पहल ने दुनियाभर में भारतीय संस्कृति का संदेश दिया।
भारत की सबसे कम उम्र की स्काई ड्राइवर
24 वर्षीय अनामिका शर्मा, जो भारत की सबसे कम उम्र की सी-लाइसेंस प्राप्त महिला स्काई डाइविंग प्रशिक्षक हैं, ने अपनी स्काई डाइविंग की शुरुआत सिर्फ 10 वर्ष की उम्र में की थी। उनके पिता, अजय कुमार शर्मा, जो भारतीय वायुसेना के रिटायर्ड अधिकारी हैं, ने उन्हें इस साहसिक यात्रा के लिए प्रेरित किया। अनामिका का यह साहसिक कदम सिर्फ एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह भारतीय परंपरा के प्रतीक के रूप में उभरा है, क्योंकि उन्होंने अपने स्काई डाइविंग के जरिए महाकुंभ का महत्व और संदेश पूरी दुनिया तक पहुँचाया।
विश्व कल्याण के लिए योगदान
अनामिका शर्मा ने इस बारे में कहा कि भारत की परंपरा रही है कि जब भी विश्व कल्याण के लिए कोई आयोजन होता है, तब भारतीय अपनी पूरी शक्ति और क्षमता के साथ उसमें योगदान देते हैं। उन्होंने महाकुंभ 2025 के आयोजन को भी इसी संदर्भ में देखा, और इसका प्रचार करने के लिए अपने साहस का प्रयोग किया। उनकी यह पहल न केवल एक स्काई डाइविंग रिकॉर्ड बनाती है, बल्कि महाकुंभ के महत्व को वैश्विक स्तर पर उजागर करने का एक अद्वितीय प्रयास भी है।
महाकुंभ 2025 (MahaKumbh 2025) के आयोजन से पहले अनामिका शर्मा की यह स्काई डाइविंग पहल एक प्रेरणा बनकर उभरी है, जो दर्शाती है कि भारतीय परंपराएं, संस्कृति और धार्मिक आयोजन किस प्रकार दुनिया भर में अपनी छाप छोड़ते हैं। अनामिका का यह साहसिक कदम केवल स्काई डाइविंग के क्षेत्र में एक मील का पत्थर नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और महाकुंभ के महत्व का भी एक अभूतपूर्व प्रचार है।
ये भी पढ़ें : UP Weather Update : आज से फिर बदलेगा यूपी का मौसम, IMD ने किया अर्लट जारी