Mayawati News : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में एक बार फिर मायावती को पार्टी की कमान सौंप दी गई है। मंगलवार को लखनऊ में आयोजित इस महत्वपूर्ण बैठक में देशभर से आए पार्टी पदाधिकारियों ने सर्वसम्मति से मायावती को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना। यह फैसला बसपा के वरिष्ठ नेता सतीश चंद्र मिश्र द्वारा प्रस्तावित किया गया, जिस पर सभी ने एक सुर में सहमति जताई।
मायावती (Mayawati)के नेतृत्व में बसपा ने एक बार फिर से अपने भविष्य की दिशा तय की है। मायावती 2003 से लगातार पार्टी की अध्यक्ष चुनी जा रही हैं, और यह उनके नेतृत्व का प्रमाण है कि पार्टी के अंदर उन्हें लेकर अभी भी जबरदस्त विश्वास है। इस बैठक में मायावती ने अपने संन्यास की अफवाहों का खंडन करते हुए स्पष्ट किया कि वे राजनीति से संन्यास लेने की कोई योजना नहीं बना रही हैं। उन्होंने कहा, “विरोधी दल इस बात की अफवाह फैला रहे हैं कि मैं राजनीति से संन्यास लेने वाली हूँ, लेकिन यह सरासर झूठ है।”
बैठक में कई अहम फैसले भी किए गए, जिनमें हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड, जम्मू कश्मीर और दिल्ली में विधानसभा चुनाव लड़ने का निर्णय शामिल है। साथ ही, मायावती ने पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को चेतावनी दी कि वे ‘इंडिया एलाइंस’ और ‘एनडीए’ से भी सतर्क रहें।
आकाश आनंद को नेशनल कोऑर्डिनेटर के पद पर बरकरार
इस दौरान, आकाश आनंद को नेशनल कोऑर्डिनेटर के पद पर बरकरार रखा गया है, जो पार्टी में मायावती के बाद एक महत्वपूर्ण चेहरा माने जाते हैं। मायावती ने यह भी कहा कि फील्ड में जाकर विरोधियों के फैलाए गए झूठ का जवाब देना जरूरी है।
गौरतलब है कि बसपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हर पांच साल में होती है, जिसमें पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना जाता है। मायावती पहली बार 18 सितंबर 2003 को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनी गई थीं और तब से आज तक इस पद पर बनी हुई हैं। हालांकि, बीच-बीच में उनके संन्यास की खबरें भी आईं, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि वे अभी भी बसपा के नेतृत्व में पूरी तरह सक्रिय हैं और पार्टी को आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।