Sambhal Jama Masjid : उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जामा मस्जिद के पास हाल ही में एक विवादित घटना सामने आई, जब मस्जिद में सर्वे के लिए पहुंची पुलिस टीम पर गुस्साई भीड़ ने पथराव किया और पुलिस के वाहनों में आग लगा दी। इस हिंसक घटना के बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया, जिससे स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई। अब इस पूरे मामले पर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है, और विभिन्न नेताओं ने इस घटना पर अपने विचार व्यक्त किए हैं।
समाजवादी पार्टी का विवादित बयान
समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव ने इस घटना पर बयान देते हुए पुलिस पर हुई पत्थरबाजी को जायज ठहराया। उनका कहना था कि जब पुलिस इस तरह की कार्रवाई करेगी, तो ऐसी स्थिति उत्पन्न होगी। उन्होंने कहा, बूथ लूटेगी तो लोग निराश होकर क्या करेंगे? रामगोपाल यादव का यह बयान इस घटना को लेकर और भी विवादों को जन्म दे सकता है, क्योंकि उन्होंने सीधे तौर पर पुलिस की कार्रवाई को चुनौती दी और उसे जनसुरक्षा के रूप में प्रस्तुत किया।
अखिलेश यादव का आरोप
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी इस घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि मस्जिद का सर्वे पहले ही हो चुका था, फिर क्यों दोबारा सर्वे कराया गया। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह सब जानबूझकर किया गया ताकि चुनाव की धांधली और बेईमानी पर चर्चा न हो सके। अखिलेश ने यह भी कहा कि सरकार, बीजेपी और प्रशासन ने मिलकर यह घटना करवाई, ताकि लोकतंत्र की असल जीत पर सवाल उठाया जा सके। उनके अनुसार, लोकतंत्र में सच्ची जीत लोक से होती है, तंत्र से नहीं।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का तीखा बयान
इस घटना (Sambhal Jama Masjid) पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी तीखा बयान दिया। उन्होंने कहा कि संभल में जो हमला हुआ, वह केवल सरकारी तंत्र पर नहीं था, बल्कि यह भारत के लोकतंत्र और कानून पर हमला था। उनका यह भी कहना था कि कुछ लोग इस प्रकार की घटनाओं का समर्थन कर रहे हैं, जो देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। गिरिराज सिंह ने यह आरोप भी लगाया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी और उनके जैसे लोग मुसलमानों को एक टूल के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, जो इस प्रकार की हिंसक घटनाओं का समर्थन कर रहे हैं।
मामले पर बढ़ती राजनीतिक खींचतान
संभल में हुई इस घटना ने एक बार फिर उत्तर प्रदेश और देश में धार्मिक और राजनीतिक विवादों को तूल दे दिया है। जहां एक ओर समाजवादी पार्टी के नेता सरकार और पुलिस की कार्रवाई को लेकर सवाल उठा रहे हैं, वहीं बीजेपी इसे लोकतंत्र पर हमला मानते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रही है। इस बीच, इस घटना के बाद स्थानीय स्तर पर भी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठने लगे हैं, और प्रशासन से यह उम्मीद की जा रही है कि वह जल्द ही इस मामले की निष्पक्ष जांच करेगा।