Sambhal Violence : उत्तर प्रदेश के संभल जिले में शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर तूल पकड़ी हिंसा में अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है। 19 नवंबर 2023 को एक स्थानीय अदालत के आदेश पर मस्जिद का सर्वे शुरू हुआ था, जिसके बाद से स्थिति तनावपूर्ण हो गई। जिले में बढ़ते विवाद और हिंसा को देखते हुए प्रशासन ने एहतियातन 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी है। साथ ही, स्कूल और कॉलेजों को भी बंद कर दिया गया है।
सर्वे का आदेश और इसके कारण
मंगलवार, 19 नवंबर को, संभल के चंदौसी में स्थित शाही जामा मस्जिद के सर्वे के लिए स्थानीय अदालत ने आदेश दिया था। यह आदेश एक याचिका पर सुनवाई के बाद दिया गया था, जिसमें दावा किया गया था कि 1526 में इस मस्जिद का निर्माण एक प्राचीन मंदिर को ध्वस्त कर किया गया था। याचिका में यह भी कहा गया था कि वर्तमान में मस्जिद के भीतर एक मंदिर का अवशेष मौजूद है, जो कथित रूप से मस्जिद समिति द्वारा अवैध रूप से कब्जा किया गया है। इस याचिका को लेकर जिला अदालत ने मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया था।
सिविल जज आदित्य सिंह की भूमिका
शाही मस्जिद का सर्वे करने का आदेश देने वाले सिविल जज (सीनियर डिवीजन) आदित्य सिंह हैं। आदित्य सिंह, जो मुजफ्फरनगर के रहने वाले हैं, ने 2018 में उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा में कदम रखा था। उनके न्यायिक करियर की शुरुआत सहारनपुर में हुई थी, जहां वे जुडिशल मजिस्ट्रेट के रूप में कार्यरत थे। बाद में, उन्हें सिविल जज जूनियर डिवीजन और एडिशनल सिविल जज के रूप में विभिन्न स्थानों पर तैनात किया गया। जुलाई 2022 में उनका तबादला बिजनौर के चांदपुर किया गया था, और नवंबर 2023 में वे चंदौसी में सिविल जज (सीनियर डिवीजन) के पद पर नियुक्त हुए थे। उनके द्वारा शाही जामा मस्जिद का सर्वे कराने का आदेश दिया गया था, जो अब एक बड़े विवाद का कारण बन चुका है।
विवाद और हिंसा
जिला अदालत के आदेश के बाद रविवार, 21 नवंबर 2023 को शाही जामा मस्जिद के अंदर सर्वे कार्य शुरू किया गया। इस दौरान मस्जिद के बाहर भारी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए, और नारेबाजी शुरू कर दी। स्थिति बिगड़ते ही हिंसा भड़क उठी। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की टीम पर पथराव किया, और वाहनों में आग लगा दी। इस हिंसा में चार लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हुए हैं। घटना के बाद इलाके में तनाव और डर का माहौल बना हुआ है।
याचिका में क्या था दावा?
इस विवाद की शुरुआत उस याचिका से हुई थी, जिसमें दावा किया गया था कि संभल शहर के बीचों-बीच स्थित एक प्राचीन श्री हरि हर मंदिर को शाही जामा मस्जिद बनाने के लिए ध्वस्त किया गया था। याचिका में यह भी कहा गया कि यह स्थान हिंदू शास्त्रों में अत्यधिक महत्वपूर्ण है और भविष्य में भगवान विष्णु के अवतार कल्कि का आगमन यहां होने वाला है। इस विवाद को लेकर स्थानीय हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच तनाव की स्थिति बन गई थी, जो अब हिंसा का रूप ले चुकी है।
प्रशासन की कार्रवाई
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए संभल प्रशासन ने इंटरनेट सेवा पर 24 घंटे के लिए रोक लगा दी है, ताकि अफवाहों और झूठी जानकारी को फैलने से रोका जा सके। इसके अलावा, स्कूल और कॉलेजों को भी बंद कर दिया गया है ताकि छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। पुलिस और सुरक्षा बलों को इलाके में तैनात किया गया है ताकि और किसी प्रकार की हिंसा को रोका जा सके।
ये भी पढें : 26 Nov Ka Panchang : आज के पंचांग से जानें शुभ-अशुभ समय
ये भी देखें : BSP supremo Mayawati का बड़ा ऐलान, EVM में धांधली के कारण बसपा नहीं लड़ेगी कोई उपचुनाव