UP News : देश में बेरोजगारी की समस्या दिन-प्रतिदिन गंभीर होती जा रही है। सरकारी और निजी क्षेत्रों में नौकरियों की संख्या सीमित होने के कारण लाखों युवा रोजगार के लिए संघर्ष कर रहे हैं। हालात का ताजा उदाहरण इन दिनों नेपाल-चीन सीमा पर स्थित पिथौरागढ़ जिले में हो रही प्रादेशिक सेना (टीए) की भर्ती में देखा जा सकता है। यहां रोजगार की तलाश में देशभर से युवा पहुंचे हैं, लेकिन सीमित पदों और अत्यधिक प्रतिस्पर्धा के चलते हजारों युवा अपनी उम्मीदों के साथ लौट रहे हैं।
बेरोजगारी की मार और भर्ती की उम्मीद
मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश (UP News), बिहार, झारखंड, उड़ीसा और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों से बेरोजगार युवा पिथौरागढ़ की भर्ती में हिस्सा लेने पहुंचे हैं। कई युवा तो इतने दूर-दूर से पहुंचे हैं कि उन्हें ठहरने के लिए होटल और स्कूल भवनों में जगह मिलना भी मुश्किल हो रहा है। प्रशासन ने युवाओं के ठहरने के लिए सरकारी भवनों का प्रबंध किया है, लेकिन स्थिति इतनी भयावह है कि हजारों युवा जहां-तहां जगह तलाश कर ठहरे हुए हैं, जैसे भेड़-बकरियों की तरह।
टीए भर्ती के लिए जिन 117 पदों पर चयन होना था, उनमें से अधिकांश सामान्य ड्यूटी, क्लर्क, नाई और ट्रेडमैन जैसे पदों के लिए हैं। मगर, एक पद के लिए औसतन तीन सौ से अधिक उम्मीदवारों के बीच मुकाबला है। यानी भर्ती में चयन के लिए युवाओं को सिर्फ उम्मीदों से नहीं, बल्कि भारी प्रतिस्पर्धा से भी गुजरना पड़ रहा है।
सरकारी नौकरी का सपना, लेकिन रास्ता कठिन
अधिकांश उम्मीदवारों का कहना है कि वे सरकारी नौकरी पाने के लिए यहां पहुंचे हैं, ताकि उनका भविष्य सुरक्षित हो सके। लखनऊ के हरमेंद्र सिंह, विकास कुमार और मुरादाबाद के अभिषेक जैसे युवाओं का कहना है कि यह उनकी पहली भर्ती थी, लेकिन इतने अधिक उम्मीदवारों के बीच चयन पाना उनके लिए कठिन साबित हुआ। भर्ती में पदों की संख्या सीमित होने के कारण उनका सपना पूरा नहीं हो सका।
सरकारी नौकरी के लिए बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण युवाओं का मनोबल भी टूटता जा रहा है। भर्ती प्रक्रिया के दौरान कई युवाओं को शारीरिक परीक्षा के लिए अपनी बारी तक नहीं मिल सकी, और वे निराश होकर घर लौट गए। पिथौरागढ़ में हुई इस भर्ती में उत्तर प्रदेश के करीब 15 से 20 हजार युवा पहुंचे थे, जिनमें से अधिकांश शारीरिक परीक्षा के बाद भी निराश हो गए।
भर्ती स्थल पर उमड़ी भीड़ और प्रशासन की परेशानी
भर्ती (UP News) में हिस्सा लेने के लिए यूपी से आए हजारों युवाओं को भर्ती स्थल तक पहुंचने में भी कठिनाई हुई। कई युवाओं ने बताया कि भर्ती स्थल पर इतनी अधिक भीड़ थी कि वे परीक्षा में शामिल नहीं हो सके। घंटों इंतजार करने के बावजूद जब उनकी बारी नहीं आई, तो वे बिना परीक्षा दिए ही वापस लौटने को मजबूर हुए।
कुछ युवाओं ने तो इस बारे में बताया कि भर्ती स्थल पर भगदड़ मचने की स्थिति भी बनी, और वे भर्ती स्थल तक नहीं पहुंच पाए। भर्ती प्रक्रिया में इतनी भीड़ और असुविधाएं थीं कि कई युवा तो बगैर किसी शारीरिक परीक्षा के ही वापस अपने घर लौट आए।
भर्ती (UP News) में शामिल होने के बाद जब कई युवा असफल हो गए, तो उन्हें वापस अपने घरों को लौटने के लिए भी वाहन नहीं मिले। कई युवाओं को ट्रकों और पिकअप में सवार होकर यात्रा करनी पड़ी, जबकि प्रशासन ने 11,000 से अधिक युवाओं को बसों और टैक्सियों से रवाना किया। बावजूद इसके, बहुत से युवा वाहन न मिलने के कारण भटकते नजर आए। कुछ ने तो पैदल ही जिला मुख्यालय की ओर रुख किया, और कई अन्य ने प्रशासन की मदद से किसी तरह अपना रास्ता खोजा।
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