UP Weather Forecast: उत्तर प्रदेश में मानसून अब पूरी तरह सक्रिय हो गया है। राज्य के अधिकांश हिस्सों में बीते कुछ दिनों से रुक-रुककर बारिश हो रही है, और मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों को बेहद संवेदनशील बताया है। मौसम विभाग की भविष्यवाणी के अनुसार, 30 जून और 1 जुलाई को यूपी के पूर्वी, पश्चिमी और मध्य क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है।
पूरे प्रदेश में सक्रिय हुआ मानसून, बढ़ेगी बारिश की रफ्तार
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक, 29 जून को उत्तर प्रदेश के बचे हुए हिस्सों में भी मानसून ने दस्तक दे दी है। इससे प्रदेश भर में बारिश की गतिविधियां तेज हो गई हैं। 30 जून को पूर्वी और पश्चिमी यूपी के अधिकांश हिस्सों में गरज-चमक के साथ तेज बारिश हो सकती है। बादलों की गड़गड़ाहट और बिजली गिरने की भी संभावना जताई गई है।
इन जिलों में भारी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग ने कई जिलों के लिए विशेष अलर्ट जारी किया है। इनमें बहराइच, लखीमपुर खीरी, पीलीभीत जैसे तराई क्षेत्र, और काशी-मथुरा जैसे धार्मिक शहर भी शामिल हैं। इसके अलावा जिन जिलों में भारी वर्षा की संभावना जताई गई है, वे हैं:
- पूर्वी यूपी: वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर, आजमगढ़, सोनभद्र, चंदौली
- मध्य यूपी: अयोध्या, सुल्तानपुर, अम्बेडकरनगर, बाराबंकी, हरदोई, सीतापुर, फरुखाबाद
- पश्चिमी यूपी: अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, कासगंज, एटा, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, शामली, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, शाहजहांपुर, संभल, बदायूं, बुलंदशहर
इन क्षेत्रों में जलभराव, नदियों के जलस्तर में वृद्धि और बिजली गिरने की घटनाएं हो सकती हैं।
दक्षिणी यूपी में मानसून की अगली चाल
मौसम विभाग का कहना है कि 1 जुलाई के बाद मानसून की ट्रफ रेखा (मानसून द्रोणी) दक्षिण की ओर खिसक सकती है। इससे प्रदेश के दक्षिणी जिलों – प्रयागराज, चित्रकूट, बांदा, सोनभद्र आदि – में भारी बारिश की संभावना प्रबल हो जाएगी। इन जिलों में अगले चरण में मूसलाधार वर्षा होने की आशंका है।
जनता और प्रशासन को अलर्ट रहने की सलाह
IMD ने किसानों, स्थानीय प्रशासन और आम जनता को सतर्क रहने की चेतावनी दी है। विशेष रूप से जलभराव वाले क्षेत्रों, नदियों और नालों के किनारे रहने वाले लोगों को सचेत किया गया है। बिजली की गरज-चमक के दौरान खुले मैदानों या ऊंचे पेड़ों के नीचे खड़े न रहने की सलाह दी गई है।
फसलों को नुकसान की आशंका
लगातार हो रही भारी बारिश से खेतों में जलभराव की स्थिति बन सकती है, जिससे बोआई के कार्यों में देरी और खड़ी फसलों को नुकसान संभव है। किसानों को सलाह दी गई है कि वे मौसम के पूर्वानुमान के अनुसार ही खेती संबंधी कार्य करें।
सतर्कता ही सुरक्षा की कुंजी
उत्तर प्रदेश में मानसून पूरी तरह से सक्रिय हो चुका है और अगले दो दिन राज्य के लिए बेहद अहम हैं। भारी बारिश, बिजली गिरने और जलभराव की स्थिति में जनहानि से बचने के लिए सजगता जरूरी है। प्रशासनिक स्तर पर राहत एवं बचाव की तैयारी की जा रही है। नागरिकों से अनुरोध है कि मौसम विभाग की सलाहों का पालन करें और अनावश्यक यात्रा से बचें।
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