Zakir Hussain : मशहूर तबला वादक और पांच बार ग्रैमी अवार्ड के विजेता उस्ताद जाकिर हुसैन का 73 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके परिवार ने सोमवार की सुबह सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में उनके निधन की पुष्टि की। उन्हें इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।
उस्ताद जाकिर हुसैन का नाम संगीत जगत में हमेशा स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा। उन्होंने अपने छह दशक के करियर में भारतीय संगीत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाई। वे केवल एक तबला वादक नहीं, बल्कि संगीत के एक असाधारण प्रतिभा थे, जिन्होंने संगीत की सीमाओं को पार किया और दुनियाभर में अपनी कला का लोहा मनवाया।
संगीत की असाधारण यात्रा
जाकिर हुसैन का जन्म 1951 में हुआ था, और उनकी संगीत यात्रा बहुत ही शानदार रही। वे अपने पिता उस्ताद अल्ताफ़ हुसैन से तबला बजाने की शिक्षा प्राप्त करते थे, और जल्द ही अपनी कला में माहिर हो गए। अपनी विशिष्ट शैली और गति के लिए मशहूर, जाकिर हुसैन ने भारतीय क्लासिकल संगीत को वर्ल्ड म्यूजिक से जोड़ा और एक नई पहचान बनाई।
उस्ताद जाकिर हुसैन का संगीत सफर कई प्रसिद्ध कलाकारों के साथ रहा। उन्होंने पियानो वादक जॉन मैक्लफिन, गिटार वादक पैट मैथनी, और वॉयलिन वादक लिंडसे स्टर्लिंग जैसे कलाकारों के साथ विश्व स्तर पर मंच साझा किया। इसके अलावा, जाकिर हुसैन का नाम ‘शक्ति’ नामक फ्यूजन बैंड से भी जुड़ा था, जो उन्होंने 1970 के दशक में तबला वादक टी.एच. ‘विक्कू’ विनायकराम के साथ मिलकर शुरू किया था। हालांकि, यह बैंड 1977 के बाद अधिक सक्रिय नहीं रहा, लेकिन ‘शक्ति’ ने भारतीय और पश्चिमी संगीत का अद्भुत मिश्रण पेश किया था, जो संगीत प्रेमियों के बीच बहुत लोकप्रिय हुआ।
सम्मान और पुरस्कार
उस्ताद जाकिर हुसैन के योगदान को मान्यता देने के लिए उन्हें भारत सरकार ने कई उच्च सम्मान दिए थे। 1988 में उन्हें पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण, और 2023 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। वे भारत के पहले संगीतकार बने जिन्होंने 66वें वार्षिक ग्रैमी अवार्ड्स में तीन ग्रैमी पुरस्कार जीते, जिसमें बेस्ट ग्लोबल म्यूजिक एल्बम, बेस्ट ग्लोबल म्यूजिक परफॉर्मेंस और बेस्ट कंटेम्पररी इंस्ट्रूमेंटल एल्बम शामिल थे।
जाकिर हुसैन (Zakir Hussain) के परिवार में उनकी पत्नी एंटोनिया मिनेकोला, उनकी बेटियां अनीसा कुरैशी और इसाबेला कुरैशी, और अन्य परिवारजन शामिल हैं। उनके निधन से संगीत की दुनिया ने एक महान कलाकार को खो दिया है, लेकिन उनका योगदान और कला सदैव जीवित रहेगी। उनके परिवार ने एक बयान जारी करते हुए कहा, “उस्ताद जाकिर हुसैन ने अपनी असाधारण कला से पूरी दुनिया को प्रभावित किया है। उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों तक जीवित रहेगी।”