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आखिर प्रदेश के सबसे बड़े इस अफसर के खिलाफ योगी ने क्या किया ? योगी के निशाने पर सूबे के सबसे बड़े आईएएस अफसर

by | Oct 14, 2023 | अपना यूपी, ट्रेंडिंग, बड़ी खबर, मुख्य खबरें

CM Yogi in Action : प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बारे में कहा जाता है कि वह सबसे ज्यादा कारगर फैसला सिर्फ कानून व्यवस्था के मुद्दे पर लेते हैं। भ्रष्ट और लापरवाह अफसर के खिलाफ एक्शन लेना भी कोई उनसे सीखे। कुल मिलाकर प्रदेश में चर्चा रहती है की मुख्यमंत्री आईपीएस अधिकारियों से डील करना अच्छी तरह से जानते हैं लेकिन आईएएस अधिकारी उन्हें अपने मायाजाल में फंसा लेते हैं, हर बात में पॉलिसी मैटर, सर कर लेंगे, सर आगे हो जाएगा इस तरह की बात सीएम के सामने करते हैं, यह मठाधीश अधिकारी सोचते हैं कि मुख्यमंत्री को पॉलिसी और बिजनेस समझ में नहीं आता।

शायद यही भूल उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े आईएएस अधिकारी कर बैठे, मुख्यमंत्री को गुमराह करने की कोशिश की लेकिन मुख्यमंत्री ने ऐसा जवाब दिया कि जूनियर अफसर के सामने उनकी बत्ती बुझ गई पुख्ता सूत्रों के मुताबिक कुछ दिन पहले लखनऊ में एक मीटिंग चल रही थी मीटिंग में सबसे पहले मुद्दा उठा एफडीआई को लेकर, मुख्यमंत्री ने सूबे के सबसे बड़े एक अधिकारी से कहा कि हमारे प्रदेश में एफडीआई का कितना फंड आ रहा है, साथ में मुख्यमंत्री ने यह कहा कि आप यह भी बताएं कि दूसरे प्रदेशों का क्या हाल है, जब जानकारी सभी के सामने आई तो पता लगा की देश के सबसे बड़े प्रदेश में एफडीआई का इन्वेस्टमेंट सबसे कम है, और छोटे से छोटे प्रदेश में भी ज्यादा है। बिहार, छत्तीसगढ़, राजस्थान और उत्तराखंड में बिहार से ज्यादा एफडीआई की फंडिंग है।

इसी बात को लेकर मुख्यमंत्री को गुस्सा आ गया, सूत्रों के मुताबिक प्रदेश के सबसे बड़े आईएएस अधिकारी और उनसे थोड़े छोटे एक आईएएस अधिकारी को मुख्यमंत्री ने जिम्मेदारी दी थी कि एफडीआई की फंडिंग यहां पर ज्यादा होनी चाहिए और आप दोनों एक दूसरे के साथ बैठकर विचार कर ले, लेकिन वह मीटिंग हुई नहीं थी सीएम के सामने ही बड़े आईएएस अधिकारी ने बोल दिया की सर हो जाएगा आगे बैठकर कर लेंगे, बस सीएम को इसी बात पर गुस्सा आ गया उनका चेहरा तमतमा गया और भरी मीटिंग में बड़े बाबू की इज्जत उतार दी गई उनसे जूनियर आईएएस अधिकारी भी बगले झांकने लगे। मुख्यमंत्री एक तरफा युद्ध विराम करने के मूड में ही नहीं थे जब एक सीनियर अधिकारी ने बहस का मुद्दा पलटा तो मुख्यमंत्री जी को समझ में आ गया कि अधिकारी मुद्दा भकटा रहे हैं और आने वाले दुर्गा नवरात्रि को ध्यान में रखकर मुख्यमंत्री ने शंकर की तरह गुस्सा पी लिया और फिर सीएम शांत हो गए।

कुल मिलाकर मुख्यमंत्री ने डांट फटकार के बाद अधिकारियों को यह संदेश दिया कि तुम लोगों की आपस की लड़ाई नूरा कुश्ती ने प्रदेश की जनता के लिए विकास के जो काम किए जाते हैं उसको रोक कर रख दिया है। फाइल कई कई महीनो तक पेंडिंग पड़ी रहती हैं, अधिकारी अपनी इस आदत को सुधारे !

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