Baghpat : बागपत (Baghpat) में लाक्षागृह और कब्रिस्तान के विवाद को लेकर कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने हिंदू पक्ष के पक्ष में फैसला सुनाते हुए उन्हें 108 एकड़ जमीन दे दी है। कोर्ट ने कहा कि यह इलाका कोई कब्रिस्तान नहीं बल्कि महाभारत काल का लाक्षागृह है। कोर्ट ने माना कि विवादित जमीन कब्रिस्तान नहीं बल्कि लाक्षागृह है। गौरतलब है कि लाक्षागृह का वर्णन महाभारत में मिलता है, जहां इसका निर्माण पांडवों को जिंदा जलाने के लिए किया गया था। इस फैसले के साथ ही 53 साल पुराने मामले का अंत हो गया है।
1970 से चल रहा यह विवाद एक पक्ष द्वारा हिंदू लाक्षागृह और दूसरे पक्ष द्वारा मुस्लिम कब्रिस्तान या धर्मस्थल की भूमि के इर्द-गिर्द घूमता है। 1970 के आसपास मुकीम खान नाम के एक व्यक्ति ने मुसलमानों के लिए जमीन का दावा करते हुए सिविल कोर्ट में मामला दायर किया। तब से ये मामला कोर्ट में लंबित है। हिंदू पक्ष का तर्क था कि यह जमीन महाभारतकालीन लाक्षागृह है। मामला लंबे समय से अदालत में था और हालिया फैसले ने इस पर विराम लगा दिया है।
हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील रणवीर सिंह तोमर ने बताया कि अदालत ने सबूतों की जांच के बाद पाया कि जमीन कब्रिस्तान नहीं है। 108 एकड़ में फैले इस क्षेत्र में एक ऊंचा टीला है जहां कथित तौर पर पांडवों को जिंदा जलाने का प्रयास किया गया था। राजस्व न्यायालय भी इस भूमि को लाक्षागृह नाम से दर्ज करता है। यह स्थान प्राचीन काल से ही हिंदुओं का तीर्थस्थल रहा है।


