लोकसभा चुनाव में अब साल भर से कम समय बचा है, और इस बीच पांच राज्यों, मध्य प्रदेश, राजस्थान, मिजोरम, तेलंगाना, और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। आपको बता दें की इन चुनावों को राजनीतिक गलियारों में लोकसभा चुनाव का सेमिफाइनल समझा जा रहा है, जिसके चलते राजनीतिक दलों के समीकरणों की भी चर्चाएं भी लगातार जारी है। जहां एक तरफ भारतीय जनता पार्टी नीत के नेतृत्व वाला NDA गठबंधन हैं जो अन्य राजनीतिक दलों को अपने पास लाने की कोशिश कर रहा है, तो दूसरी तरफ I.N.D.I.A. अलायंस में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, और आम आदमी पार्टी जैसे कई महत्वपूर्ण दल अपनी एकता को मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि मौजूदा विधानसभा चुनावों में पार्टियों की ये एकता टूटती नजर आ रही हैं|
आपको बता दें की इस पूरे मामले में सबसे ज्यादा चर्चाओं में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस है. दरअसल मध्य प्रदेश में,बीते रविवार को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 144 सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान किया.जिसके तुरंत बाद यानी रविवार की शाम को ही समाजवादी पार्टी ने भी नौ सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी,बताते चलें की सपा ने उन सीटों पर भी प्रत्याशियों का ऐलान किया है, जहां कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार पहले से उतारे दिए हैं|
सपा कांग्रेस के बीच हो चुकी हैं कई दौर की वार्ता
दरअसल दोनों ही पक्षों के बीच कई दौरों की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला है। मीडिया रिपोर्टों में दावा किया जा रहा है कि मध्यप्रदेश कांग्रेस पार्टी के नेता विपक्षी समाजवाद पार्टी को उनकी अनुभाव के हिसाब से सीट देने के लिए सहमत नहीं हैं, और इसी मुद्दे पर वार्ता जारी है। दूसरी ओर, राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि अगर चर्चा से कोई निर्णय नहीं निकलता है, तो आने वाले लोकसभा चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश में सीट साझा करने पर असर पड़ सकता है। समाजवाद पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने पहले ही सीटों के मुद्दे पर कहा है कि पार्टी, यूपी में गठबंधन से सीटें मांग नहीं रही है, बल्कि उन्होंने सीटें देने की घोषणा की है।