लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) जगमोहन यादव खुद कानूनी लड़ाई में फंस गए हैं क्योंकि जौनपुर पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया है। यह मामला तरहटी गांव परिसर के भीतर उनके पैतृक गांव मुंगेराबादशाहपुर में एक विवादास्पद भूमि विवाद से जुड़ा है। इस मामले के सामने आने के बाद प्रशासन के भीतर रहकर भी क्या किसी के अंदर इस तरह की गुंडागर्दी के गुण आ सकते हैं इसको लेकर सवाल खड़े हो गए हैं.. हालांकि अभी इस मामले पर जांच चल रही है।
ज़मीन कब्ज़ा करने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप
ग्राम प्रधान (ग्राम प्रधान) सहित कई ग्रामीणों ने जगमोहन यादव और उनके परिवार के खिलाफ जमीन पर कब्जा करने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है। मुंगेराबादसाहपुर में जमीन के एक टुकड़े को लेकर काफी समय से विवाद चल रहा है, जिससे विवाद बढ़ता जा रहा है। चिंता जताते हुए, स्थानीय लोगों ने अपनी शिकायतों को राजस्व विभाग और राजस्व अधिकारी के साथ-साथ तरहटी गांव परिसर की एक पुलिस टीम के ध्यान में लाया। इसी पूछताछ के दौरान कथित तौर पर पूर्व डीजीपी जगमोहन यादव घटनास्थल पर पहुंचे।
टकराव और पुलिस हस्तक्षेप
ग्राम प्रधान चंद्रेश गुप्ता और जगमोहन यादव के बीच गाली-गलौज होने से तनाव बढ़ गया। मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों ने स्थिति को शांत करने के लिए कड़ी मेहनत करते हुए हस्तक्षेप किया। रिपोर्ट मिलने पर, मछलीशहर से उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) मध्यस्थता करने और व्यापक जांच शुरू करने के लिए स्थान पर पहुंचे।
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ग्राम प्रधान चंद्रेश गुप्ता सहित कई ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जगमोहन यादव ने उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने और यहां तक कि शारीरिक नुकसान पहुंचाने की धमकी दी थी। ये आरोप लगाने वालों में चंद्रेश गुप्ता भी शामिल थे, जो भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के मंडल अध्यक्ष भी हैं।
मछलीशहर सीओ का आधिकारिक बयान
मछलीशहर के क्षेत्राधिकारी (सीओ) अतर सिंह ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि आरोपों की गंभीरता को देखते हुए जगमोहन यादव के खिलाफ कानून की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसके अतिरिक्त, इस मामले में गांव में प्रस्तावित भूमि सीमांकन भी शामिल है, जो वर्तमान में पुलिस जांच के अधीन है। गहन जांच और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए गांव में पुलिस बल की मौजूदगी बनाए रखी गई है।
स्थिति लगातार विकसित हो रही है, और एक पूर्व उच्च पदस्थ पुलिस अधिकारी की संलिप्तता को देखते हुए, इस मामले में कानूनी कार्यवाही पर बारीकी से नजर रखी जाएगी। स्थानीय प्रशासन इस मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है, जबकि ग्रामीण उत्सुकता से इस चल रहे भूमि विवाद के समाधान का इंतजार कर रहे हैं।