Prakash Mishra Case : लखनऊ के एसजीपीजीआई (संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान) पर चित्रकूट से भाजपा के पूर्व सांसद भैरों प्रसाद मिश्रा के बेटे प्रकाश मिश्रा के इलाज के दौरान लापरवाही के आरोप लगे। गौरतलब हो कि लापरवाही के चलते प्रकाश मिश्रा का देहांत हो गया था जिसके बाद एसजीपीजीआई द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में इन आरोपों की पुष्टि की है। समिति ने सोमवार रात संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) के निदेशक प्रोफेसर आरके धीमन को अपनी रिपोर्ट सौंपी।
यह घटना तब हुई जब प्रकाश मिश्रा को गंभीर हालत में पिछले रविवार को एसजीपीजीआई के आपातकालीन चिकित्सा विभाग में लाया गया था जहां बीजेपी सांसद के बेटे को पर्याप्त इलाज नहीं मिला सका जिसके चलते प्रकाश मिश्रा के बेटे का निधन हो गया। इस घटना को खबरों में उठाए जाने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया। जिसके बाद उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के मार्गदर्शन में एसजीपीजीआई प्रशासन ने कथित लापरवाही की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया।
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कमेटी की रिपोर्ट में इलाज में लापरवाही के दावे सही साबित हुए हैं। जवाब में आपातकालीन विभाग के मुख्य चिकित्सा अधिकारी चन्द्रशेखर बाजपेयी को उनके कर्तव्यों से मुक्त कर दिया गया था। इसके अतिरिक्त एसजीपीजीआई द्वारा की गई प्रशासनिक कार्रवाई के तहत दो अन्य कर्मचारियों के कार्यस्थल बदल दिए गए थे। एसजीपीजीआई के निदेशक प्रोफेसर आरके धीमान ने खुलासा किया कि जांच रिपोर्ट की प्रतियां उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को भेज दी गई हैं। रिपोर्ट की कॉपी स्वास्थ्य विभाग को भी भेजी गई है। चूंकि आपातकालीन चिकित्सा अधिकारी स्वास्थ्य विभाग के अधिकार क्षेत्र में है इसलिए मामले के संबंध में कोई भी आगे की कार्रवाई उनके द्वारा ही निर्धारित की जाएगी।