Prayagraj : प्रयागराज बीते कुछ दिनों से भारी ट्रैफिक जाम के कारण चर्चा में रहा है, जहां लाखों श्रद्धालु महाकुंभ में भाग लेने पहुंचे। इन तीन दिनों में लोगों ने लगभग 300 किलोमीटर लंबे जाम का सामना किया, जिससे उनकी यात्रा कठिन हो गई। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने कई अहम फैसले लिए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार हालात पर नजर बनाए रहे और आवश्यक निर्देश जारी करते रहे। भारतीय जनता पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं को भी निर्देश दिया कि वे जाम में फंसे लोगों को आवश्यक सामान उपलब्ध कराएं। वहीं, 50 अधिकारियों की नई टीम की तैनाती के बाद स्थिति में सुधार आया और पिछले 24 घंटों में जाम को नियंत्रित कर लिया गया।
महाकुंभ में प्रवेश को सुव्यवस्थित करने के लिए प्रयागराज की सीमाओं पर सात एंट्री गेट बनाए गए हैं। इनमें प्रतापगढ़, कौशांबी, रीवा, चित्रकूट, वाराणसी, भदोही-जौनपुर और मिर्जापुर की सीमाएं शामिल हैं। मंगलवार, 11 फरवरी की सुबह इन सभी एंट्री गेट्स पर ट्रैफिक जाम समाप्त हो गया, जिससे वाहनों की आवाजाही सुचारू हो गई। अब गाड़ियां बिना किसी रुकावट के इन गेट्स तक पहुंच सकती हैं, जिससे श्रद्धालुओं को महाकुंभ पहुंचने में सहूलियत हो रही है।
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सभी एंट्री गेट्स पर पार्किंग की व्यवस्था की गई है, जहां श्रद्धालुओं को अपने निजी वाहन खड़े करने होंगे। केवल आवश्यक सामान और मेडिकल आपूर्ति ले जाने वाले वाहनों को ही मेला क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति दी गई है। अगर आप बस, कार या बाइक से महाकुंभ पहुंच रहे हैं, तो आपको अपनी गाड़ी निर्धारित पार्किंग स्थल पर छोड़नी होगी। इससे मेला क्षेत्र में अनावश्यक भीड़ को नियंत्रित किया जा सकेगा और यातायात व्यवस्था सुचारू बनी रहेगी।
मेला क्षेत्र में पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को एंट्री गेट से संगम तट तक पैदल जाना होगा। यह दूरी अलग-अलग एंट्री प्वाइंट्स से 9 से 12 किलोमीटर तक हो सकती है। हालांकि, सरकार ने इस दूरी को कम करने के लिए शटल बस सेवा शुरू की है, जिससे श्रद्धालु पार्किंग क्षेत्र से मेला क्षेत्र तक आसानी से जा सकें। इस सेवा से बुजुर्ग और बच्चों वाले परिवारों को विशेष राहत मिलेगी, जिससे उनकी यात्रा अधिक सुगम होगी।
पिछले कुछ दिनों में महाकुंभ जाने वाले लोगों को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ा। पेट्रोल पंपों पर ईंधन समाप्त होने से वाहन चालक फंस गए, जबकि ट्रैफिक जाम के कारण बाजारों और रेस्टोरेंट्स में आवश्यक सामान नहीं पहुंच सका। इसके चलते खाने-पीने की दिक्कतें भी आईं। साथ ही, शटल बसों की कमी के कारण श्रद्धालुओं को लंबी दूरी पैदल तय करनी पड़ी। हालांकि, अब स्थिति सामान्य हो गई है और यात्रा पहले की तुलना में आसान हो गई है।
सरकार ने ट्रैफिक समस्या को हल करने के लिए तत्काल 50 विशेष अधिकारियों को तैनात किया और एडीजी भानु भास्कर की जगह एडीजी अमिताभ यश को जिम्मेदारी सौंपी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार अधिकारियों से संपर्क में रहे और ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू बनाने के निर्देश दिए। इसके बाद सभी एंट्री गेट्स पर यातायात नियंत्रण में आ गया और लोगों को राहत मिली। वर्तमान में स्थिति सामान्य हो चुकी है और यात्रा व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित की जा रही है।
12 फरवरी को होने वाले पूर्णिमा स्नान के लिए सरकार ने विशेष तैयारियां की हैं। पूरे मेला क्षेत्र को नो व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है, जिससे वाहनों की आवाजाही पूरी तरह रोक दी जाएगी। यह वही योजना है, जिसे सरकार ने मौनी अमावस्या स्नान के दौरान लागू किया था। इस सख्त योजना के चलते श्रद्धालुओं को बिना किसी बाधा के संगम स्नान करने की सुविधा मिलेगी और महाकुंभ का आयोजन सुचारू रूप से संपन्न होगा।