Rahul Gandhi : कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी इन दिनों विदेश यात्रा पर हैं और उनके अमेरिका में दिए गए बयान भारत में चर्चा का विषय बने हुए हैं। राहुल गांधी ने लद्दाख में चीन द्वारा दिल्ली के बराबर क्षेत्र हड़पने का आरोप लगाया है और कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस स्थिति को सही ढंग से नहीं संभाल पा रहे हैं। उनकी टिप्पणियों पर भारतीय जनता पार्टी ने आक्रामक प्रतिक्रिया दी है।
वाशिंगटन डीसी में नेशनल प्रेस क्लब में एक कार्यक्रम के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि चीनी सैनिकों ने लद्दाख में दिल्ली के बराबर जमीन पर कब्जा कर लिया है, और मुझे लगता है कि यह एक आपदा है। मीडिया इस मुद्दे को कम महत्व देती है। अगर अमेरिका के पास कोई पड़ोसी 4,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर कब्जा कर ले, तो अमेरिका की प्रतिक्रिया क्या होगी?
क्या कोई राष्ट्रपति इस स्थिति को अच्छे से संभालने का दावा कर पाएगा? इसलिए, मुझे नहीं लगता कि नरेंद्र मोदी ने चीन के साथ सही तरीके से निपटा है। मुझे कोई कारण नहीं दिखता कि चीनी सैनिक हमारे क्षेत्र में बने रहें। यह आपदा है। पिछले साल भी राहुल गांधी ने इसी तरह के आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री मोदी पर लद्दाख में भारत-चीन सीमा की स्थिति के बारे में विपक्ष से झूठ बोलने का आरोप लगाया था और कहा था कि चीन ने भारतीय क्षेत्र छीन लिया है।
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पाकिस्तान से भारत के संबंधों पर राहुल गांधी ने टिप्पणी की कि पाकिस्तान द्वारा हमारे देश में आतंकवाद को बढ़ावा देना दोनों देशों को पीछे धकेल रहा है। पाकिस्तान हमें पीछे से हमला कर रहा है और हम इसे स्वीकार नहीं कर सकते कि पाकिस्तान हमारे देश पर इस तरह से हमले करता रहे। जब तक पाकिस्तान इस प्रकार की गतिविधियां जारी रखेगा, दोनों देशों के बीच समस्याओं का समाधान नहीं होगा।
बांग्लादेश के साथ भारत के रिश्तों पर राहुल गांधी ने कहा कि बांग्लादेश के साथ हमारा पुराना रिश्ता है। मेरी दादी बांग्लादेश के निर्माण में गहराई से शामिल थीं। मुझे लगता है कि बांग्लादेश में चरमपंथी तत्वों को लेकर भारत में कुछ चिंताएं हैं और हम भी उन चिंताओं को साझा करते हैं। हालांकि मुझे विश्वास है कि बांग्लादेश में स्थिति स्थिर हो जाएगी और हम वर्तमान सरकार या भविष्य की किसी भी सरकार के साथ संबंध बनाने में सक्षम होंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि हमने मुद्दा उठाया है और बांग्लादेश ने भी हमसे बात की है। हम किसी भी प्रकार की हिंसा के खिलाफ हैं और चाहते हैं कि यह जल्द से जल्द समाप्त हो। बांग्लादेशी सरकार की जिम्मेदारी है कि वह हिंसा को रोकने के लिए कदम उठाए, और हमारी सरकार की जिम्मेदारी है कि वह इस मुद्दे पर दबाव बनाए ताकि हिंसा रुके।