Putin Drone Attack: रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच उस वक्त हालात और गंभीर हो गए, जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कथित तौर पर निशाना बनाकर बड़े पैमाने पर ड्रोन हमलों की खबर सामने आई। रूस ने दावा किया कि राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास को लक्ष्य बनाते हुए करीब 90 से अधिक ड्रोन दागे गए, हालांकि यूक्रेन ने इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया। इस घटनाक्रम के बाद वैश्विक राजनीति में हलचल तेज हो गई है और भारत व चीन दोनों ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
ड्रोन हमले ने बढ़ाई अंतरराष्ट्रीय चिंता
रूस के अनुसार, यह हमला सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं बल्कि देश के सर्वोच्च नेतृत्व को अस्थिर करने की कोशिश थी। अगर यह दावा सही साबित होता है, तो इसे अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बेहद खतरनाक संकेत माना जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि राष्ट्राध्यक्ष को निशाना बनाने जैसी घटनाएं युद्ध को और भड़का सकती हैं और इसके दूरगामी वैश्विक परिणाम हो सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सख्त प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर गहरी चिंता जताते हुए साफ कहा कि किसी भी देश के राष्ट्रपति या शीर्ष नेतृत्व को निशाना बनाना गंभीर और अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि इस तरह की हिंसक कार्रवाइयां रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे शांति प्रयासों को कमजोर कर सकती हैं।
पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि भारत हमेशा से संवाद, कूटनीति और शांतिपूर्ण समाधान का समर्थक रहा है। उन्होंने सभी पक्षों से संयम बरतने और ऐसे कदमों से दूर रहने की अपील की, जो हालात को और विस्फोटक बना सकते हैं।
पीएम मोदी का संदेश क्या कहता है
प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राष्ट्रपति के आवास को निशाना बनाए जाने की खबरें चिंताजनक हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि शांति की दिशा में चल रहे कूटनीतिक प्रयास ही संघर्ष समाप्त करने का एकमात्र प्रभावी रास्ता हैं। भारत का मानना है कि किसी भी तरह की उकसावे वाली कार्रवाई से क्षेत्रीय ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्थिरता भी खतरे में पड़ सकती है।
चीन ने भी अपनाया संयम का रास्ता
भारत के बाद चीन की ओर से भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया सामने आई। बीजिंग ने कहा कि वह पूरे घटनाक्रम पर करीबी नजर बनाए हुए है। चीनी विदेश मंत्रालय के अनुसार, मौजूदा परिस्थितियों में किसी भी तरह की सैन्य उत्तेजना से बचना बेहद जरूरी है। चीन ने भी स्पष्ट किया कि तनाव बढ़ाने वाली कार्रवाइयां पूरे क्षेत्र को अस्थिर कर सकती हैं और इसका असर वैश्विक स्तर पर महसूस किया जाएगा।
भारत-चीन का साझा संदेश
दिलचस्प बात यह है कि इस मामले में भारत और चीन, जो कई मुद्दों पर अलग-अलग रुख रखते हैं, एक ही सुर में बोलते नजर आए। दोनों देशों ने यह संदेश दिया कि हिंसा और सैन्य हमले समाधान नहीं हैं, बल्कि बातचीत और कूटनीति ही स्थायी शांति का रास्ता हैं। यह साझा प्रतिक्रिया अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए एक मजबूत संकेत मानी जा रही है।
वैश्विक राजनीति पर असर
विश्लेषकों का मानना है कि अगर ऐसे हमले बढ़ते हैं, तो रूस-यूक्रेन युद्ध और ज्यादा खतरनाक मोड़ ले सकता है। इससे न केवल यूरोप बल्कि एशिया और अन्य क्षेत्रों में भी अस्थिरता बढ़ने का खतरा है। ऐसे में भारत और चीन जैसे बड़े देशों की यह अपील वैश्विक संतुलन बनाए रखने में अहम भूमिका निभा सकती है।
आगे क्या?
फिलहाल दुनिया की नजर इस बात पर टिकी है कि रूस और यूक्रेन इस घटनाक्रम के बाद क्या कदम उठाते हैं। भारत और चीन की चेतावनी साफ है—अगर संयम नहीं बरता गया, तो हालात तेजी से बिगड़ सकते हैं और इसका असर पूरी दुनिया को झेलना पड़ सकता है।
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