White House Firing: अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी में बुधवार दोपहर व्हाइट हाउस से कुछ ही दूरी पर एक चौंकाने वाला हमला हुआ। वेस्ट वर्जीनिया नेशनल गार्ड के दो सैनिकों पर एक संदिग्ध हमलावर ने गोली चला दी। पुलिस जांच में शुरूआती जानकारी सामने आई है कि यह हमला एक ऐसे अफगान नागरिक ने किया जिसे अमेरिकी सरकार वर्ष 2021 में अफगानिस्तान से निकालकर अमेरिका लाई थी।
यह घटना तेजी से एक राष्ट्रीय चिंता का विषय बन गई है, क्योंकि शहर के सबसे सुरक्षित माने जाने वाले इलाके में इस तरह की गोलीबारी को ट्रंप ने साफ तौर पर “आतंकी हमला” करार दिया है।
20 वर्षीय सारा बेकस्ट्रॉम की मौत
इस हमले में दो अमेरिकी सैनिक घायल हुए थे, जिनमें से 20 वर्षीय स्पेशलिस्ट सारा बेकस्ट्रॉम की मौत हो गई है। जबकि 24 वर्षीय स्टाफ सार्जेंट एंड्रयू वोल्फ अभी भी जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं।
थैंक्सगिविंग के अवसर पर सैनिकों को संबोधित करते हुए पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह दुखद जानकारी साझा की। उन्होंने कहा,
“अभी-अभी खबर मिली है कि सारा नहीं रही… वह हमें ऊपर से देख रही होगी।”
ट्रंप ने बेकस्ट्रॉम को अविश्वसनीय इंसान और हर तरह से उत्कृष्ट बताया।
“यह स्पष्ट रूप से आतंकवादी हमला है”
ट्रंप ने बिना हिचकिचाहट इस गोलीबारी को आतंकी हमला बताया। साथ ही उन्होंने बाइडेन प्रशासन पर कड़ा प्रहार किया कि 2021 में तालिबान के कब्जे के बाद बड़ी संख्या में अफगानों को अमेरिका लाना एक “गंभीर गलती” थी।
उन्होंने यह भी कहा कि आरोपी मानसिक रूप से अस्थिर था और युद्ध के अनुभवों के कारण उसकी मानसिक स्थिति बिगड़ चुकी थी।
कौन है शूटर रहमानुल्लाह लकनवाल?
संदिग्ध हमलावर की पहचान 29 वर्षीय रहमानुल्लाह लकनवाल के रूप में हुई है।
उसके बारे में महत्वपूर्ण तथ्य:
- वर्ष 2021 में अमेरिकी सैन्य ऑपरेशन के दौरान उसे अफगानिस्तान से अमेरिका लाया गया था
- वह CIA समर्थित अफगान विशेष बल इकाई में काम कर चुका था
- अमेरिका आने के बाद वह गैर-स्थिर व्यवहार और मानसिक तनाव से जूझ रहा था
ट्रंप ने मजबूत आरोप लगाते हुए कहा कि लकनवाल “जंगली राक्षस” बन चुका था और सरकार को ऐसे व्यक्तियों को देश में नहीं लाना चाहिए था।
ट्रंप की कठोर नीति
ट्रंप प्रशासन पहले से ही देश के शहरों में नेशनल गार्ड की तैनाती बढ़ा चुका है ताकि अवैध प्रवासियों के खिलाफ बड़े अभियानों को सफल बनाया जा सके।
यह घटना उनकी नीति को और कठोर बनाने का आधार बन सकती है।
खड़े किए सुरक्षा पर सवाल
व्हाइट हाउस के पास हुई यह गोलीबारी न केवल सुरक्षा व्यवस्था की कमजोरी को उजागर करती है, बल्कि सवाल भी उठाती है कि संवेदनशील क्षेत्रों में संभावित खतरों का आकलन कैसे किया जा रहा है।
सारा बेकस्ट्रॉम की मौत ने इस हमले को और भी दुखद बना दिया है। अमेरिका अब यह जांचने में जुटा है कि यह सिर्फ एक मानसिक रूप से अस्थिर व्यक्ति का हमला था या वास्तव में एक नियोजित आतंकी घटना।
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