प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धोखाधड़ी गतिविधियों और धन शोधन निवारण अधिनियम के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए शाइन सिटी इंफ्रा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड के प्रमुख ऑपरेटरों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू की है। ईडी ने वाराणसी के राजातालाब तहसील क्षेत्र में 10.27 हेक्टेयर जमीन जब्त की है, जिसे मूल रूप से 2015 में ₹17.92 करोड़ में खरीदा गया था और वर्तमान में इसकी अनुमानित कीमत लगभग ₹100 करोड़ है।
ईडी की कार्रवाई शाइन सिटी के आसपास कथित अनियमितताओं की व्यापक जांच का हिस्सा है, जिसके दौरान उन्होंने पहले ही कंपनी के संचालकों की ₹128.54 करोड़ की संपत्ति जब्त कर ली है। इससे पहले ईडी ने शाइन सिटी प्रबंधन की फतेहपुर, रायबरेली, जालौन, गोरखपुर, कानपुर और प्रयागराज में संपत्तियों को जब्त किया था।
आरोप और अभियुक्त
शाइन सिटी इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड में ईडी की जांच में कई प्रमुख लोग शामिल हुए हैं, जिनमें शाइन सिटी के प्रबंध निदेशक राशिद नसीम, उनके भाई आसिफ नसीम और अमिताभ कुमार श्रीवास्तव और मीरा श्रीवास्तव शामिल हैं। ये व्यक्ति जब्त की गई संपत्तियों की खरीद से जुड़े थे।
राशिद नसीम और उसके सहयोगियों ने न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि बिहार, पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों में भी जमीनें हासिल की थीं। उन्होंने आकर्षक विकास योजनाओं को बढ़ावा देकर निवेशकों को आकर्षित किया, अंततः उनके निवेश का फायदा उठाया और पर्याप्त मुनाफा कमाया।
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चल रही जांच और अंतर्राष्ट्रीय संबंध
उच्च न्यायालय के निर्देश ने ईडी, सीबीआई और एसएफआईओ सहित विभिन्न एजेंसियों द्वारा संयुक्त जांच को प्रेरित किया। इसके अलावा, शाइन सिटी का प्रमुख संचालक राशिद नसीम कथित तौर पर दुबई भाग गया है, जहां वह कथित तौर पर हीरे के व्यापार में शामिल है। वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित आरोपों का सामना करने के लिए अधिकारी भारत में उसके प्रत्यर्पण के लिए सक्रिय रूप से प्रयास कर रहे हैं। यह चल रही जांच निवेशकों के हितों की रक्षा करने और रियल एस्टेट क्षेत्र के भीतर धोखाधड़ी गतिविधियों को रोकने के लिए मजबूत वित्तीय नियमों और कड़े प्रवर्तन के महत्व की याद दिलाती है। ईडी की कार्रवाई वित्तीय कदाचार के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराने की उनकी प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।