Indian Railways: भारतीय रेलवे पर सवाल खड़े करने वालों को रेलवे ने आँकड़ों के साथ जवाब देते हुए कहा रेलवे के लिए यात्रियों की सुरक्षा पहली प्राथमिकता है। साल 2014 से पहले के मुक़ाबले में रेल हादसों में कमी आई है। साथ ही ट्रेन परिचालन की सुरक्षा भारतीय रेलवे की प्राथमिकता सबसे पहले है। साल 2014 से 2024 तक के 10 वर्षों में भारतीय रेलवे ने सुरक्षा में निवेश किया है। रेलवे ने आगे जवाब देते हुए कहा है कि कई संरचनात्मक और प्रणालीगत सुधार भी किया गया हैं जिनका सुरक्षित परिचालन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। साल 2014-24 तक सुरक्षा संबंधी परियोजनाओं में 1,78,000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। साल 2004-14 तक किए गए 70,273 करोड़ रुपये से 2.5 गुना अधिक निवेश किया गया है।
साथ ही दुर्घटनाओं में कमी के रूप में भी इसके परिणाम देखे जा सकते है। साल 2004-14 की अवधि (171 प्रति वर्ष) की तुलना में 2014-24 (68 प्रति वर्ष) में दुर्घटनाओं की औसत संख्या में 60% की कमी आई है इसे अंदाज लगाया जा सकता है कि पहले के मुताबिक अब रेल हादसों में कितनी कमी आई है। रेलवे सुरक्षा की बात की जाए तो इसके उपायों को और बेहतर बनाने के लिए निरंतर ध्यान दिया जा रहा है।

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साथ ही में ट्रैक संबंधी सुधार, सिग्नलिंग संबंधी सुधार, लोकोमोटिव और ट्रेन संबंधी सुधार पर भी प्रयास किया जा रहा है। लोको पायलट, लोको इंस्पेक्टर और स्टेशन मास्टर का प्रशिक्षण भी रेलवे की सर्वोच्च प्राथमिकता है। स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली (कवच) भी 2014-24 की अवधि के दौरान विकसित और शुरू की गई थी, यह एक बहुत ही जटिल प्रणाली है

कवच में 6 प्रमुख उप-प्रणालियाँ शामिल हैं।
1. रेलवे ट्रैक के साथ ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाना।
2. ट्रैक के साथ दूरसंचार टावर लगाना।
3. इन टावरों और ट्रेनों को दूरसंचार उपकरणों से लैस करना।
4. स्टेशनों पर डेटा सेंटर स्थापित करना और उन्हें सिग्नल सिस्टम के साथ एकीकृत करना।
5. ट्रैक के साथ उपकरण लगाना।
6. लोकोमोटिव और ट्रेनों को आवश्यक उपकरणों से लैस करना।


