मेडिकल स्टूडेंट के NEET UG पेपर लीक मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी CBI देशभर में छापेमारी कर रही है। पटना से लेकर राजस्थान और यूपी से आरोपियों को पकड़ा जा रहा है। बिहार के हजारीबाग से OASIS स्कूल के प्रिंसिपल और वाईस प्रिंसिपल समेत 3 लोगों को CBI ने गिरफ्तार किया गया है। पटना में सीबीआई ने जिस आशुतोष और मनीष प्रकाश को गिरफ्तार किया था। शनिवार 29 जून को उन सभी का मेडिकल टेस्ट कराया गया।
29 जून शनिवार को CBI ने NEET UG पेपर लीक मामले में पटना की बेउर जेल में बंद कई आरोपियों से पूछताछ भी की। पूछताछ के दौरान अधिकांश आरोपियों ने संजीव मुखिया और सिकंदर यादवेंदु का नाम लिया है। सूत्रों की माने तो नीट-यूजी पेपर लीक मामले में यही दोनों मास्टरमाइंड हैं।
संजीव मुखिया ने नीट-यूजी परीक्षा से एक दिन पहले 4 मई को पटना में लर्न प्ले स्कूल से जुड़े लड़कों के हॉस्टल में लगभग 25 कैंडिडेट्स को अपने यहां रुकवाया था। इन सभी 25 कैंडिडेट्स को हॉस्टल में लीक हुए पेपर और आंसर शीट पर दी गई थी।
नीट-यूजी पेपर को वितरित करने का आरोप
बता दें कि संजीव मुखिया का बेटा शिव बिहार लोक सेवा आयोग BPSC शिक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में शामिल होने के कारण पहले से ही जेल में बंद हैं। दूसरी ओर, दानापुर नगरपालिका समिति में एक जूनियर इंजीनियर सिकंदर यादवेन्दु भी इस मामले का मास्टरमाइंड है। इस नीट-यूजी पेपर को वितरित करने का आरोप लगा है।
सीबीआई जांच से पहले बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई EOU इस मामले की जांच कर रही थी। NEET UG पेपर लीक मामले में अब तक 18 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। केंद्रीय एजेंसी ने 27 जून गुरुवार को इस मामले में पहली गिरफ्तारी की है।
आरोपियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई
NTA ने नीट-यूजी 2024 की परीक्षा 5 मई को 571 शहरों के 4,750 केंद्रों पर आयोजित की थी। इस परीक्षा में 24 लाख से अधिक परीक्षार्थी शामिल हुए थे। परिणाम 4 जून को घोषित किए गए थे। नतीजे घोषित होने के तुरंत बाद ही छात्रों ने अनियमितताओं के आरोप लगाए थे। 67 छात्रों ने टॉप रैंक हासिल की थी। इसके अलावा बिहार में भी नीट -यूजी के पेपर लीक होने के भी आरोप लगे। तब से इस मामले में जांच बैठा दी गई और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।